Gurugram News Today: हरियाणा के सोहना कस्बे से एक अच्छी और उम्मीद भरी खबर सामने आई है. अरावली की तलहटी में बसा यह इलाका अब अपने इतिहास को फिर से संजोने की ओर बढ़ रहा है. करीब 800 साल पुराना सोहनगढ़ किला, जो समय की मार झेलते-झेलते खंडहर में बदल चुका था अब फिर से संवरने वाला है.
इतिहास से जुड़ी इस धरोहर को एक बार फिर जीवन देने की योजना बनाई जा रही है. हाल ही में पुरातत्त्व विभाग की एक टीम ने सोहनगढ़ किले का सर्वे किया है. इस सर्वे के बाद किले को संरक्षित करने की योजना पर काम शुरू होने की उम्मीद है. यह खबर जैसे ही क्षेत्र में फैली, लोगों की आंखों में अपने इतिहास को बचाने की एक नई उम्मीद जाग उठी. दिल्ली से लगभग 50 किलोमीटर और गुरुग्राम जिले से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित सोहना, अरावली पर्वत की गोद में बसा एक ऐतिहासिक स्थल है. इस कस्बे का यह किला न सिर्फ इसकी पहचान है, बल्कि यह इसकी आत्मा भी है. इतिहासकारों के अनुसार इस किले का निर्माण राजा सावन सिंह ने करवाया था. ऐसा कहा जाता है कि एक लड़की 'फुलवा' के अपहरण के बाद राजा ने यह किला बनवाया था. उस समय यह किला शौर्य, सत्ता और प्रेम की अनोखी मिसाल बन गया था.
बता दें कि आज भले ही किले की दीवारें टूट चुकी हैं और उसकी छतें ढह चुकी हैं, लेकिन इसकी शिल्पकला आज भी लोगों को हैरान करती है. इसकी दीवारों पर उकेरे गए नक्काशी के नमूने उस समय की बेजोड़ कला का प्रमाण हैं. पुरातत्त्व विभाग के सर्वे के बाद लोगों को अब यह उम्मीद है कि सरकार इस धरोहर को संरक्षित करेगी और आने वाली पीढ़ियों को उनका इतिहास दिखा पाएगी. पर्यटन विभाग के मैनेजर सुनील शर्मा ने बताया कि सर्वे हो चुका है, लेकिन योजना की आधिकारिक जानकारी अभी नहीं दी गई है.
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