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Delhi-Gurugram Expressway: गुरुग्राम जाने वालों को बड़ी राहत, अगस्त में चालू होगा एक्सप्रेसवे का नया विकल्प

Dwarka Expressway: अगले महीने से दिल्ली से गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक का दबाव कम होने वाला है क्योंकि, यशोभूमि के नजदीक से महिपालपुर तक द्वारका एक्सप्रेसवे टनल के ऊपर बनाई जा रही सड़क पूरी तरह उपयोग में आ जाएगी.

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Delhi-Gurugram Expressway: गुरुग्राम जाने वालों को बड़ी राहत, अगस्त में चालू होगा एक्सप्रेसवे का नया विकल्प
Akanchha Singh|Updated: Jul 29, 2025, 07:45 PM IST
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Haryana News: दिल्ली से गुरुग्राम जाने वालों के लिए एक खुशखबरी है. अगले महीने से दिल्ली से गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक का दबाव कम होने वाला है. यह संभव तब होगा जब यशोभूमि के नजदीक से महिपालपुर तक द्वारका एक्सप्रेसवे टनल के ऊपर बनाई जा रही सड़क पूरी तरह उपयोग में आ जाएगी. सड़क का उपयोग काम के पूरा होते ही शूरू हो जाएगा. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां हर रोज  डेढ़ लाख से से ज्यादा वाहन गुजरेंगे. वहीं इसका पूरा असर दिल्ली से गुरुग्राम  एक्सप्रेसवे पर दिखाई देगा. बता दें कि द्वारका एक्सप्रेसवे से सीधे एयरपोर्ट की तरफ जाने का रूट चालू कर दिया गया है. इतना ही नहीं यशोभूमि से एयरपोर्ट के नजदीक तक बनाई गई टनल से हर रोज एक लाख से गाड़ी निकलने लगे हैं. 

दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक का दबाव
कुछ वाहन इस निर्माणाधीन सड़क से होकर गुजर रहे हैं, लेकिन अधूरी व्यवस्था और ट्रैफिक प्रबंधन की कमी के चलते अक्सर यहां जाम की स्थिति बन जाती है. यही कारण है कि ज्यादातर वाहन चालक इस मार्ग से निकलने से परहेज करते हैं. हालांकि, सड़क के पूर्ण रूप से चालू होने के बाद इसके उपयोग में भारी इजाफा होने की संभावना जताई जा रही है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह सड़क हर रोज करीब 50,000 वाहनों का भार वहन करेगी, जिससे दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक का दबाव काफी हद तक कम हो सकेगा.

द्वारका एक्सप्रेसवे से ट्रैफिक डायवर्जन का दिखने लगा असर
द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण राजधानी क्षेत्र के ट्रैफिक नेटवर्क में बड़ा बदलाव लेकर आया है. खासतौर पर खेड़कीदौला टोल प्लाजा से लेकर राजीव चौक तक दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक का दबाव पहले की तुलना में काफी कम हुआ है. यहां से जुड़ने वाले क्षेत्र के लोग अब बड़ी संख्या में द्वारका एक्सप्रेसवे का उपयोग कर रहे हैं. हालांकि, सिरहौल बार्डर से लेकर महिपालपुर तक अभी भी यातायात की स्थिति अधिक जटिल बनी हुई है. इस क्षेत्र में रहने वाले लोग या एयरपोर्ट की ओर जाने वाले यात्रियों को अभी तक द्वारका एक्सप्रेसवे से अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाया है. इसका प्रमुख कारण महिपालपुर और एयरपोर्ट के बीच कोई वैकल्पिक सुरंग मार्ग (टनल) न होना बताया जा रहा है.

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महिपालपुर-एयरपोर्ट तक टनल होती तो बनता संतुलन
DLF फेज-तीन निवासी और पेशे से इंजीनियर रमेश वर्मा के अनुसार दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर सबसे अधिक ट्रैफिक सिरहौल बॉर्डर से लेकर महिपालपुर तक ही देखा जाता है. उन्होंने बताया कि अगर गुरुग्राम की ओर से महिपालपुर और एयरपोर्ट को जोड़ने वाली कोई टनल बनाई जाती, तो इस हिस्से के ट्रैफिक दबाव में काफी राहत मिल सकती थी. वर्मा ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को इस महत्वपूर्ण हिस्से की समस्या पर पर्याप्त ध्यान देना चाहिए था.

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