Haryana Budget Session 2024: हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 20 फरवरी को शुरू हुआ और 28 फरवरी को खत्म हुआ. बजट सत्र समाप्त होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने प्रेस वार्ता करके पक्ष और विपक्ष के सभी विधायकों को धन्यवाद दिया. इस दौरान उन्होंने बताया कि सत्र 106.90 फीसदी प्रोडक्टिविटी के साथ संपन्न हुआ.करीब 33 घंटे 48 मिनट कार्यवाही चली. साथ ही सभी कर्मचारियों के लिए ड्रेस लागू होने की वजह से सदन में अनुशासन देखने को मिला.
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने सदन की कार्यवाही के बारे में दी जानकारी
- डिजिटल युग में हरियाणा विधानसभा ने एक और नई छलांग लगाई है. हरियाणा विधानसभा की वेबसाइट पर 1966 से लेकर आज तक का पूरा रिकॉर्ड डिजिटल रूप से उपलब्ध हो गया है. इस रिकॉर्ड में सभी सत्रों की कार्यसूची, सदन का आह्वान एवं सत्रावसान, प्रस्ताव/नोटिस, अल्प अवधि नोटिस, प्रश्नोत्तर, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, गैर- सरकारी व सरकारी संकल्प, बिल, बुलेटिन, समीक्षा, सदन की कार्यवाही, माननीय विधायकों का बायोडाटा तथा सभी समितियों की रिपोर्ट शामिल है. यह जानकारी सभी के लिए उपयोगी साबित होगी. इस पर 15 लाख रुपए खर्च आया.
विधानसभा का बजट सत्र 20 फरवरी से शुरू होकर 28 फरवरी तक चला, इस दौरान 7 बैठक हुईं. यह सत्र 106.90 फीसदी प्रोडक्टिविटी के साथ संपन्न हुआ. इस दौरान करीब 45 घंटे (44 घंटे 54 मिनट) कार्यवाही चली. सदन के सभी 90 सदस्यों ने इसमें भाग लिया और 13 विधेयक पारित किए गए. हरियाणा राज्य गीत चयन समिति ने अपनी रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत की, जिसमें प्रदेश को जय-जय-जय हरियाणा को फाइनल किया गया. कुल 1007 दर्शकों ने सत्र की कार्यवाही देखी, इनमें से 456 स्कूली बच्चे और दूसरे संस्थानों व समूहों के व्यक्ति शामिल रहे.
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प्रश्नकाल
- सत्र के दौरान 5 दिन प्रश्नकाल रहा. इसके लिए 100 तारांकित प्रश्न कार्यवाही का हिस्सा बने, जिनमें से 61 सवालों जवाबों पर सदन में चर्चा हुई.
- कुल 59 विधायकों के तारांकित सवाल इस सत्र में शामिल किए गए. इनमें भाजपा के 23, कांग्रेस के 25, जजपा के 6, इनेलो के 1 तथा 4 निर्दलीय विधायक शामिल रहे.
- इनके अलावा 26 विधायकों के 138 अतारांकित प्रश्न भी कार्यवाही का हिस्सा बने.
राज्यपाल का अभिभाषण
राज्यपाल का अभिभाषण 102 मिनट का रहा. इस पर सदन में 5 घंटे 56 मिनट चर्चा हुई, जिसमें भाजपा के 13, जजपा के 4, कांग्रेस के 12, निर्दलीय 3 विधायकों को मिलाकर कुल 32 विधायकों ने भाग लिया.
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा
अविश्वास प्रस्ताव पर 3 घंटे 54 मिनट चर्चा हुई. कुल 14 विधायकों ने चर्चा में हिस्सा लिया, जिनमें भाजपा के 4, जेजेपी के 2, कांग्रेस के 7, इनेलो का एक विधायक शामिल रहs.
बजट अभिभाषण
CM मनोहर लाल ने 2 घंटे बजट भाषण प्रस्तुत किया. इस पर सदन में 8 घंटे 17 मिनट चर्चा हुई. इस चर्चा में 59 माननीय विधायकों ने हिस्सा लिया. इनमें भाजपा के 26, जजपा के 7, कांग्रेस के 19, इनेलो का एक, निर्दलीय 6 विधायक शामिल रहे.
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव
शीतकालीन सत्र के लिए 54 ध्यानाकर्षण सूचनाएं प्राप्त हुई थीं. इनमें से 47 अस्वीकृत की गई. कुल 7 ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर सदन में चर्चा हुई.
अन्य विधायी कामकाज
- स्थगन प्रस्ताव के लिए 1 सूचना प्राप्त हुई थी. इस पर 26 फरवरी को 1 घंटा 11 मिनट चर्चा हुई, जिसमें 16 विधायकों ने चर्चा में हिस्सा लिया.
- 3 गैर सरकारी प्रस्ताव भी आए थे, जिन्हें अस्वीकृत कर दिया गया.
- अल्प अवधि चर्चा के लिए 1 प्रस्ताव मिला था, जिसे अस्वीकृत कर दिया गया.
- इस दौरान एक प्राइवेट सदस्य विधेयक भी आया, जिसे टिप्पणी के लिए सरकार को भेजा गया है.
बजट सत्र 2024 में पारित हुए 13 विधेयक
1. हरियाणा नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, 2024
2. औद्योगिक विवाद (संशोधन तथा विविध उपबन्ध) (हरियाणा संशोधन) निरसन विधेयक, 2024
3. हरियाणा अन्तरराष्ट्रीय गीता जयंती मेला प्राधिकरण विधेयक, 2024
4. हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक, 2024
5. सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) हरियाणा संशोधन विधेयक, 2024
6. हरियाणा ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024
7. हिसार महानगर विकास प्राधिकरण, विधेयक, 2024
8. हरियाणा निजी कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024
9. हरियाणा पिछड़े वर्ग (सेवाओं तथा शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में आरक्षण) संशोधन विधेयक, 2024
10. हरियाणा राज्य खेल संघ (पंजीकरण और विनियमन) विधेयक, 2024
11. हरियाणा परियोजना भूमि समेकन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2024
12. हरियाणा विनियोग (संख्या 1) विधेयक, 2024,
13. हरियाणा विनियोग (संख्या 2) विधेयक
स्पीकर ने कहा कि विपक्ष पूरे सत्र में गंभीर नहीं था. जब बिल पास हो रहे थे तब भी विपक्ष सदन में नहीं था. जब एक मुद्दे पर वो वॉकआउट कर चुके थे तो उसी मुद्दे पर दोबारा वॉक आउट नहीं करना चाहिए था. विपक्ष को बिलों पर चर्चा करनी चाहिए थी और सरकार को अच्छे सुझाव देने चाहिए थे ताकी लोगों के लिए सही विधेयक पास हों.
Input- Vijay Rana