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Assembly Election: हरियाणा में चुनावी माहौल टाइट, लगा आचार संहिता, अब ये सब काम नहीं कर पाएंगे नेताजी!

Haryana Assembly Election: हरियाणा में चुनाव की तारीख घोषित होते ही आचार संहिता लग गया है. इसके बाद कई कामों पर रोक लग जाती है. आइए जानते हैं किन कामों पर लगती है रोक  

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Assembly Election: हरियाणा में चुनावी माहौल टाइट, लगा आचार संहिता, अब ये सब काम नहीं कर पाएंगे नेताजी!
Akanchha Singh|Updated: Aug 17, 2024, 05:44 PM IST
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Haryana News: हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है. साथ ही यहां आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है. बता दें कि आचार संहिता लागू होती ही सरकार के कई कामों पर रोक लग जाता है. यह वो कार्य होते हैं, जिससे सरकार को फायदा हो सकता है.  वही हरियाणा में राजनीतिक पार्टियों को चुनाव प्रचार के लिए 44 दिन मिल रहे हैं. 17 अगस्त से लेकर 29 सितंबर तक वह चुनाव प्रचार कर सकते हैं. हरियाणा विधानसभा चुनाव 1 फेज में होने को है. 1 अक्टूबर को मतदान तो 4 अक्तूबर को मतगणना के साथ रिजलट घोषित कर दिए जाएंगे. ऐसे में लोगों के मन में कई सवाल आते हैं कि आचार संहिता लगने के बाद आकर किन-किन कामों पर रोक लग जाते हैं. यह राजनीतक पार्टियां किन-किन चीजों को कर सकती हैं.  

क्या होती है आदर्श आचार संहिता
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम बनाए हैं, जिन्हें आचार संहिता कहा जाता है. चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को इन नियमों का पालन करना जरूरी होता है. आचार संहिता के तहत यह स्पष्ट किया जाता है कि चुनाव के समय राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं. आचार संहिता की एक खास बात यह है कि ये नियम किसी कानून के तहत नहीं, बल्कि सभी राजनीतिक पार्टियों की आपसी सहमति से बनाए गए हैं. आदर्श आचार संहिता का उद्देश्य चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों और सत्ताधारी दलों के कार्यों और आचरण पर नजर रखना है.

आखिर आचार संहिता लागू होने के बाद किन बातों का रखना पड़ता है ध्यान

1- सरकारी अधिकारियों से मिलने पर रोक: चुनाव के दौरान, चुनाव कार्यों से जुड़े किसी भी अधिकारी को किसी नेता या मंत्री से उनकी निजी यात्रा या आवास में मिलने की मनाही होती है. यदि ऐसा होता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.

2- सरकारी खर्चे पर पार्टियों का आयोजन: आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी खर्चे पर किसी नेता के आवास पर इफ्तार पार्टी या अन्य किसी भी पार्टी का आयोजन नहीं किया जा सकता. हालांकि, नेता अपने निजी खर्चे पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं.

3- सरकारी विज्ञापनों पर रोक: सत्ताधारी पार्टी को सरकारी पैसे से सरकार के काम का प्रचार-प्रसार करने के लिए विज्ञापन चलाने की अनुमति नहीं होती.

4- नई योजनाओं का काम शुरू नहीं हो सकता: यदि कोई योजना केवल मंजूर की गई है, लेकिन जमीनी स्तर पर काम शुरू नहीं हुआ है तो आचार संहिता लागू होने के बाद उस पर काम शुरू नहीं किया जा सकता है.

5- विकास फंड से राशि जारी नहीं: विधायक, सांसद या विधान परिषद के सदस्य आचार संहिता लागू होने के बाद लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड से नई राशि जारी नहीं कर सकते हैं.

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6- नए पेंशन फॉर्म, राशन कार्ड, और आर्म्स लाइसेंस: आचार संहिता लागू होने के बाद नए पेंशन फॉर्म जमा नहीं हो सकते. नए राशन कार्ड नहीं बनाए जा सकते, और नया आर्म्स लाइसेंस भी जारी नहीं किया जा सकता.

7- नए सरकारी काम और टेंडर पर रोक: इस दौरान कोई नया सरकारी काम शुरू नहीं किया जा सकता है, न ही किसी नए काम के लिए टेंडर जारी किए जा सकते हैं

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