Haryana News: भिवानी स्थित चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी (CBLU) द्वारा जारी किए गए रिजल्ट पर विद्यार्थियों ने सवाल उठाते हुए खून से पत्र और पोस्टर लिखा. विद्यार्थियों ने विरोध जताते हुए कहा कि रिजल्ट में खामियां हैं और गलत तरिके से विद्यार्थियों को फेल किया जा रहा है. NSUI जिला प्रधान मंजीत लांग्यान ने बताया कि चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय द्वारा 2 दिन पहले फर्स्ट ईयर का रिजल्ट जारी किया था. पहले जो रिजल्ट जारी किया था, उसमें जिन विद्यार्थी को 100 में से 40 नंबर आए थे, उन्हें पास कर दिया गया था, लेकिन अब जिन विद्यार्थी को 50-55 नंबर हैं, उन्हें भी रि-अपीयर दे रखा है. केवल 10 प्रतिशत बच्चों को ही पास किया गया है. पहले भी सीबीएलयू प्रशासन को अवगत करवाया था कि जो रिजल्ट ब्रांच है, वह खराब है. बच्चों को परेशान किया जा रहा है.
रि-अपियर का भरवा रहे फॉर्म
उन्होंने कहा कि विरोध स्वरूप आज खून से पोस्टर और पत्र लिखे हैं. सीबीएलयू में डिग्री और डीएमसी भी समय पर नहीं मिलती, जिसके कारण घरवालों से भी डांट सुननी पड़ती है. यहां तक कि विद्यार्थियों को रहने के लिए होस्टल की सुविधा भी नहीं है और छात्र-छात्राएं काफी दूर से आती हैं. यहां आने के लिए बस की सुविधा भी नहीं है. सीबीएलयू प्रशासन तानाशाही चलाना चाहता है. महिला कॉलेज बवानीखेड़ा की छात्रा पलकी ने बताया कि वे रि-अपीयर के फार्म के लिए यहां आई थी. एक ही सब्जेक्ट में रि-अपीयर दिया जा रहा है. यहां तक कि अनुपस्थित दिखाया जा रहा है. किसी को 2 नंबर से तो किसी को 4 नंबर से फेल किया जा रहा है. सीबीएलयू प्रशासन द्वारा समय-समय पर बच्चों से किसी-न-किसी बहाने से पैसे मांगते रहते हैं. बच्चे पैसे कहां से लेकर आएं. पूरी सीट भरने के बाद भी जीरो नंबर दिए जा रहे हैं. अधिकारियों से मिलने पर वह समय देकर भेज देते हैं. समाधान नहीं हो रहा. रि-अपीयर के फार्म भरने का दबाव बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि डीएमसी समय पर नहीं आती है और यहां आने-जाने की भी कोई व्यवस्था नहीं है.
कॉलेज वाले दे रहे जीरो नंबर
वैश्य कॉलेज से बीए प्रथम वर्ष के छात्र दीपक ने कहा कि 10 में से 5 सब्जेक्ट में रि-अपीयर दिया है. 8-8 घंटे पढ़ने और 25 सीट भरने के बाद भी जीरो-जीरो नंबर आ रहे हैं. अगर तुक्का मारें तो भी नंबर आ जाएं. क्या हमने इतनी मेहनत के बाद एक नंबर का भी पेपर नहीं किया. अगर सीबीएलयू को पैसे लेने हैं तो वैसे ही ले लें. विद्यार्थियों को रि-अपीयर के नाम पर क्यों परेशान किया जा रहा है. बहरहाल विद्यार्थियों की समस्याओं का हल निकलता है या नहीं यह देखने वाली बात होगी. मगर इतना जरूर है कि चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय शुरू से ही इस तरह की खामियों को लेकर लगातार सुर्खियों में बना हुआ है तथा विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में धकेल रहा है.
Input- NAVEEN SHARMA