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Faridabad News: हरियाणा के इस गांव में मिट्टी, पत्थर, चूना, बांस से बना कला का अद्भुत मकान

हमे प्रकृति से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए. मनुष्य को शांति से पर्यावरण के साथ रहना चाहिए. यह निष्कर्ष निकाला फरीदाबाद के अनंगपुर गांव में मिट्टी और बांस से बने हुए मकान में रहने वाले दंपति वसंत कामत और रेवती कामत ने.

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Faridabad News: हरियाणा के इस गांव में मिट्टी, पत्थर, चूना, बांस से बना कला का अद्भुत मकान
Renu Akarniya|Updated: Jan 03, 2024, 08:22 PM IST
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Faridabad News: हमे प्रकृति से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए. मनुष्य को शांति से पर्यावरण के साथ रहना चाहिए. यह निष्कर्ष निकाला फरीदाबाद के अनंगपुर गांव में मिट्टी और बांस से बने हुए मकान में रहने वाले दंपति वसंत कामत और रेवती कामत ने. दोनों ही जो पेशे से आर्किटेक्ट थे और दोनों ने लगभग 25 साल पहले अपनी आर्किटेक्चर कला से इस भवन का निर्माण किया था. 

बता दें कि हरियाणा फरीदाबाद के अनंगपुर गांव में समतल मैदान से थोड़ा पहाड़ी पर चढ़कर लगभग डेढ़ एकड़ में उन्होंने अपना आशियाना आज से लगभग 25 साल पहले बनाया था. लगभग डेढ़ एकड़ के क्षेत्र में जहां चारों तरफ हरियाली दिखाई देती है. वहीं इसी डेढ़ एकड़ के कोने में मिट्टी, पत्थर, चूना, बांस से बना कला का यह अद्भुत मकान बना हुआ है.

रेवती और बसंत कामत दंपति के बाद अब यहां प्रेरणा नामक युवती रहती है, जो यहां क्यूरेटर के तौर पर इस मकान की देखभाल कर रही हैं. क्योंकि कामत दंपति के बेटे दिल्ली रहते हैं. प्रेरणा का कहना है कि जो इस मकान के निर्माण में प्राकृतिक सामग्रियों के पुनर्निर्माण के माध्यम से, न्यूनतम मीना के साथ, निर्माण किया गया है. यहां गैर-नवीकरणीय, गैर-बायोडिग्रेडेबल और जीवाश्म संसाधनों जैसे धातु, पत्थर और सीमेंट के विवेकपूर्ण उपयोग किया है. पहले यह एक बंजर जमीन के रूप में हुआ करता था अब पूरे घर के आसपास काफी पेड़ हैं. हरा-भरा माहौल है.

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इस मकान के निर्माण की खूबी यह है कि इस मकान के छत में लेंटर का उपयोग नहीं किया गया है. छत को बांस और बलियों से बनाया गया है. इस छत की खूबी है कि यह गर्मियों में ठंडी रहती है. यहां घर में कोई एयरकंडिशनर नहीं है. एक हरे रंग की छत, जीवित घास और वनस्पति के साथ घर को कवर करती है. आंगन में परमाणु स्प्रे, स्वाभाविक रूप से घर शांत रखें आंगन में हवा, जो परमाणुओं द्वारा ठंडा है, को पारंपरिक गीले खास तति (खुस-वेटीटर जड़ों से बना पर्दा) के माध्यम से कम गति वाले ब्लोअर द्वारा रहने वाले स्थानों में खींचा जाता है.

घर की निकासी व्यवस्था, एक प्राकृतिक रीसाइक्लिंग प्रक्रिया है जो एक एनारोबिक चैंबर के माध्यम से अपशिष्ट जल को शुद्ध करता है कक्ष के ऊपर, पौधों ने पानी खींचा और इसे शुद्ध किया, साथ ही साथ तीन ऐसे एनारोबिक डाइजेस्टर्स, घरेलू द्वारा उत्पादित पूरे अपशिष्ट जल का इलाज करें और मिट्टी के तटबंध में साफ-साफ पानी का निर्वहन करें, भूमि सिंचाई के लिए. 

बांस का उपयोग द्वार और खिड़की के फ्रेम और खिड़की को बंद किया गया है. यहां सिंथेटिक पेंट से बचने के लिए जैविक उत्पादों का उपयोग किया गया हैं, जैसे पौधे आधारित और पानी आधारित रंग. 

Input: Amit Chaudhary

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