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Haryana News: पहलगाम हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिवार को 50 लाख और सरकारी नौकरी देगी हरियाणा सरकार

हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों में मारे गए करनाल निवासी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा और नौकरी देने की घोषणा की है.

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Haryana News: पहलगाम हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिवार को 50 लाख और सरकारी नौकरी देगी हरियाणा सरकार
Renu Akarniya|Updated: Apr 26, 2025, 09:25 PM IST
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Haryana News: हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों में मारे गए करनाल निवासी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा और नौकरी देने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के माता-पिता की इच्छा के अनुसार परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने आतंकवादियों की कायराना हरकत की कड़ी निंदा की है. 

हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने शनिवार को करनाल में लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिवार से मुलाकात की. इस दौरान उनकी आंखों में आंसू आ गए. उन्होंने कहा कि मैं कश्मीर की बेटी हूं और मैंने भी आतंकवाद का दर्द झेला है. 

वहीं पंजाबी सिंगर मनकीरत औलख ने भी लेफ्टिनेंट के परिवार से मिलकर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यह केवल एक परिवार की क्षति नहीं है, बल्कि पूरे देश की क्षति है. उनका यह बयान इस बात को दर्शाता है कि देश के लिए यह एक गहरा दुखद क्षण है. 

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विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री सुरेंद्र जैन ने रोहतक में प्रदर्शन के दौरान कहा कि भारत की धरती पर हिंदुओं की लाशें गिराई जा रही हैं. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि अब शोक सभाएं नहीं, बल्कि संकल्प सभाएं आयोजित की जाएंगी. अब शोक सभाएं नहीं होंगी, बल्कि संकल्प सभाएं करनी होंगी. 

इसके साथ ही सरकार ने प्रदेश में रह रहे 460 पाकिस्तानियों को निकालने के आदेश जारी कर दिए हैं. मुख्यमंत्री नायब सैनी ने गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बातचीत के बाद गृह विभाग से इस प्रक्रिया की योजना मांगी है. यह कदम सुरक्षा कारणों से उठाया गया है और सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, इनमें अधिकांश हिंदू परिवार शामिल हैं. इन परिवारों ने नागरिकता के लिए आवेदन किया है, लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है. यह स्थिति उन परिवारों के लिए चिंता का विषय है, जो लंबे समय से भारत में रह रहे हैं और स्थायी निवास की उम्मीद कर रहे हैं. नागरिकता का मामला अभी भी अनसुलझा है.  

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