Pollution in Yamuna River: हरियाणा सरकार ने यमुना नदी को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सख्त कदम उठाने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री नायब सैनी ने साफ कर दिया है कि अब यमुना में किसी भी हाल में सीवेज या प्रदूषित पानी गिरने नहीं दिया जाएगा. इसके लिए प्रदेश के उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) की स्थापना को प्राथमिकता दें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी नाला सीधे नदी में न मिले.
प्रदूषण रोकने के लिए ठोस रणनीति
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से पानीपत, सोनीपत, पलवल और यमुनानगर जिलों के अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे सीवेज ट्रीटमेंट की व्यवस्था को मजबूत करें और इसके लिए आवश्यक संसाधन तुरंत जुटाएं. मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि यमुना को स्वच्छ रखना सामूहिक जिम्मेदारी है और इसके लिए सभी विभागों को समन्वय के साथ काम करना होगा. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे वैकल्पिक जल निकासी व्यवस्थाओं पर भी काम करें ताकि सीवेज और औद्योगिक कचरे का प्रबंधन सही तरीके से किया जा सके.
बाढ़ नियंत्रण और जलभराव की समस्या पर फोकस
सिर्फ यमुना की सफाई ही नहीं, मुख्यमंत्री ने बाढ़ नियंत्रण और मानसून के दौरान जलभराव की समस्या से निपटने के लिए भी कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने उपायुक्तों से कहा कि वे नालों की सफाई और नहरों की डिसिल्टिंग को समय पर पूरा करें. बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्टोन स्टड, स्टोन स्टीनिंग और स्थायी पंप हाउस बनाने की प्रक्रिया को तेज करने के भी आदेश दिए गए हैं.
हरियाणा में जल आपूर्ति को लेकर बड़े फैसले
मुख्यमंत्री ने सिंचाई और पेयजल आपूर्ति को सुचारु बनाए रखने पर भी जोर दिया. उन्होंने निर्देश दिए कि नहरों की मरम्मत और सफाई का काम जल्द पूरा किया जाए, ताकि गर्मी के मौसम में जल संकट न पैदा हो. जलाशयों की सफाई, रॉ वाटर सप्लाई और टैंकरों की व्यवस्था को भी प्राथमिकता से पूरा करने को कहा गया है.
बाढ़ नियंत्रण के लिए 658 करोड़ की योजना मंजूर
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण और जलभराव रोकने के लिए 658 करोड़ रुपये की लागत से 352 योजनाओं को मंजूरी दी गई है. इनमें से 619 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जबकि 302 योजनाओं पर अभी काम जारी है.
लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यदि किसी ठेकेदार द्वारा तटबंधों की मरम्मत में गड़बड़ी पाई जाती है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे तटबंधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल के जरिए निगरानी रखें. हरियाणा सरकार की इस सख्ती से साफ है कि अब यमुना की सफाई और बाढ़ नियंत्रण को लेकर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री सैनी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है, जिससे आने वाले समय में यमुना प्रदूषण मुक्त हो सके और बाढ़ की समस्या को प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सके.
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