Fatehabad News: किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए प्रशासन द्वारा जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. फतेहाबाद डीसी ने जागरुकता वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. किसानों को गांव-गांव जाकर जागरुक किया जाएगा. वहीं रेड और येलो जोन से ग्रीन जोन में आने वाली ग्राम पंचायतों को 1 लाख और 50 हजार की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. डीसी ने किसानों से की अपील कि पर्यावरण सुरक्षा में अपना योगदान दें. पराली न जलाकर उसका उचित प्रबंधन करें.
धान के अवशेष यानि पराली हर साल शासन और प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बन जाती है. किसान पराली न जलाएं इसके लिए सरकार और प्रशासन किसानों से अपील के साथ-साथ सख्ती भी बरत रहा है. मगर पराली का जलना बददस्तूर जारी है. अब प्रशासन द्वारा किसानों को जागरुक करने के उद्देश्य से अभियान शुरू किया गया है. दो वीडियो वैन गांव-गांव जाकर किसानों को पराली के जलने से होने वाले नुकसान के बारे में बताएगी और पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को सरकार द्वारा शुरु की गई योजनाओं की जानकारी दी जाएगी.
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फतेहाबाद की डीसी मनदीप कौर ने मंगलवार को लघु सचिवालय से ऐसी दो वैनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. डीसी मनदीप कौर ने बताया कि शासन और प्रशासन लगातार इसी प्रयास में है कि किसान पराली न जलाएं, ताकि पर्यावरण की स्वच्छ रखा जा सके. उन्होनें बताया कि किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने बहुत सी योजनाएं चलाई हैं. जिनमें जो किसान अपनी धान की पराली नहीं जलाता उसे 1 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि सरकार देती है.
वहीं ऐसे गांव जहां पराली जलाने के कोई मामले सामने नहीं आते उसे 1 लाख की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. उन्होंने कहा कि हालांकि पिछले वर्षों में पराली जलाने के मामलों में बहुत कमी आई है, मगर पराली कहीं भी न जले और इसका उचित प्रबंधन हो, इसका प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान पराली प्रबंधन के तरीकों को अपना कर पर्यावरण सुरक्षा में अपना अहम योगदान दें.
Input: Ajay Mehta