Mahendragarh News: महेंद्रगढ़ में सिंचाई विभाग से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. महेंद्रगढ़ डिस्ट्रीब्यूटर पर चल रहे निर्माण कार्य को सिविल विभाग के तहत किया जाना था, लेकिन इसे नारनौल मैकेनिकल विभाग द्वारा पूरा किया जा रहा है. आसान भाषा में कहें तो, मैकेनिकल विभाग द्वारा सिविल कार्य करवाया जाना वैसा ही है जैसे दांतों का डॉक्टर दिल का इलाज करता नजर आए. यह नहर महेंद्रगढ़ डिवीजन के अंतर्गत आती है, और आमतौर पर सिविल कार्यों की जिम्मेदारी सिविल विभाग की होती है.
इतने लागत से बनाए जा रहे पंप हाउस
वहीं महेंद्रगढ़ डिस्ट्रीब्यूटर पर 1,04,84,13,000 की लागत से 3 नए पंप हाउस बनाए जा रहे हैं. साथ ही तीनों पुराने पंप हाउस का नवीनीकरण किया जा रहा है. प्रत्येक पंप हाउस में 2 मोटर लगाई जाएंगी और 1 मोटर स्टैंडबाय के रूप में रखी जाएगी, लेकिन इस कार्य को सिविल विभाग के बजाय मैकेनिकल विभाग, नारनौल को सौंपे जाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं. जबकि एस्टीमेट और टेंडर सिविल विभाग द्वारा ही किया गया था. सिंचाई विभाग (सिविल) के XEN राजेश यादव ने कहा कि उच्च अधिकारियों के आदेश के बाद मैकेनिकल विभाग, नारनौल को काम दिया गया है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह कार्य पहले सिविल विभाग के अंतर्गत होना था, लेकिन उच्च अधिकारियों के आदेशानुसार अब इसे मैकेनिकल विभाग पूरा कर रहा है.
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XEN राजेश यादव ने कही ये बात
इसमें सबसे खास बात यह है कि सिंचाई विभाग के सिविल विभाग ने एक बार भी उपरोक्त कार्य के लिए मना नहीं किया था. उसके बावजूद मैकेनिकल विभाग, नारनौल को यह काम देना सवालों के घेरे में है. दूसरा, मैकेनिकल विभाग सिविल विभाग का JE उधार लेकर यह काम पूरा करवा रहा है. XEN राजेश यादव ने यह स्पष्ट कर दिया कि इस काम की जिम्मेदारी सिविल विभाग की बिल्कुल नहीं होगी. उपायुक्त विवेक भारती ने कहा कि सिंचाई विभाग का मामला मेरे संज्ञान आया है. मैं उसकी रिपोर्ट मंगवा लेता हूं. रिपोर्ट के बाद ही कुछ बताया जा सकता है.
Input- Pradeep1 Sharma