Mahipal Dhanda: दिल्ली में सोमवार को 'Zee Education Conclave' का भव्य आगाज हुआ. इस मौके पर हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी नीतियों और सुधारों पर विस्तार से अपनी बात रखी. 'आइडियाज ऑन एजुकेशन' सेशन में मंत्री ने भरोसा जताया कि हरियाणा में शिक्षा और ढांचागत विकास की रफ्तार कई गुना तेज होगी.
पेपर लीक पर सख्त रुख
जब मंत्री महिपाल ढांडा से हरियाणा में पेपर लीक की घटनाओं पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने बेहद नपा-तुला जवाब दिया. उन्होंने कहा कि पेपर लीक जैसी घटनाएं काफी समय से चली आ रही हैं. उन्होंने कहा कि जब मैं मंत्री बना, तब भी ऐसे मामले सामने आए, लेकिन हमने कड़े कदम उठाए. मेरे कार्यकाल में एक बार ही पेपर लीक हुआ, उसके बाद किसी की हिम्मत नहीं हुई. मंत्री ने यह भी जोड़ा कि भविष्य में यदि कोई पेपर लीक करने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. हमने सख्त कार्यवाही कर यह संदेश दे दिया है कि इस तरह की हरकतें अब बर्दाश्त नहीं होंगी.
हरियाणा में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहा तेज विकास
हरियाणा को अक्सर खेलों में मेडल जीतने वाले पहलवानों के लिए जाना जाता है, लेकिन अब शिक्षा के क्षेत्र में भी राज्य तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. महिपाल ढांडा ने कहा कि जिस तेजी से दुनिया बदल रही है, हरियाणा भी उसी गति से खुद को तैयार कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारा फोकस ढांचागत विकास के साथ स्किल डेवलपमेंट पर भी है. हमने राज्य में कॉलेजों की संख्या बढ़ाई है और ग्रामीण इलाकों में भी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है. मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार शिक्षा में 15 साल आगे की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नीतियां बना रही है ताकि छात्र भविष्य के लिए तैयार हो सकें.
महिलाओं की शिक्षा में तेजी से सुधार
हरियाणा में महिला और पुरुष साक्षरता दर में अब भी थोड़ा अंतर है, इस पर मंत्री ने कहा कि अब राज्य में बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं. मैंने हाल ही में कई स्कूलों का दौरा किया. वहां देखा कि प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थानों पर लड़कियां ही ज्यादा थीं. खेल, पढ़ाई और नौकरियों में बेटियां दमदार प्रदर्शन कर रही हैं. ढांडा ने गर्व से कहा कि बेटियों ने अब हरियाणा में नई पहचान बना ली है और राज्य महिला शिक्षा के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है.
ग्रामीण और शहरी शिक्षा के बीच खत्म हो रहा फासला
कई बार यह सवाल उठता है कि शहरों में शिक्षा का स्तर बेहतर होता है जबकि गांवों में सुविधाएं कम होती हैं. इस पर शिक्षा मंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार ने मॉडल संस्कृति स्कूलों की शुरुआत की है, जिनमें गांवों में भी शहरों जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं. अब गांव के बच्चे भी शहरों के बच्चों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. रिजल्ट और सुविधाओं में अब कोई बड़ा अंतर नहीं है.
वन नेशन, वन एजुकेशन पर विचार
वन नेशन-वन इलेक्शन की तर्ज पर 'वन नेशन-वन एजुकेशन' की जरूरत पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ढांडा ने कहा कि देशभर में शिक्षा का एक समान ढांचा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि शिक्षा का सिलेबस इस तरह से तैयार होना चाहिए जो 15 साल आगे की जरूरतों को ध्यान में रखे. हमें स्किल्स और उद्यमिता पर भी फोकस करना चाहिए ताकि आने वाले समय में हमारे युवा हर चुनौती के लिए तैयार रहें.
स्किल डेवलपमेंट पर फोकस
बच्चों को स्किल्स सिखाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरियाणा सरकार नई पहल कर रही है. महिपाल ढांडा ने कहा कि राज्य सरकार एक नई कमेटी बना रही है, जो 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए उद्यमिता आधारित सिलेबस तैयार करेगी. हम बच्चों के लिए हर साल 3-3 महीने की इंटर्नशिप का अवसर भी देने की योजना बना रहे हैं. इससे बच्चे 12वीं के बाद ही 25 से 30 हजार रुपये तक कमा सकेंगे. इसके लिए सरकार अलग-अलग इंडस्ट्रीज से भी संपर्क कर रही है ताकि छात्रों को वास्तविक काम का अनुभव मिल सके.
अगस्त में आएगा नया शिक्षा मॉडल
मंत्री ने बताया कि अगस्त महीने में हरियाणा में शिक्षा का एक नया मॉडल पेश किया जाएगा. इसके तहत जहां शिक्षकों की कमी है, वहां नियुक्तियां की जाएंगी. स्कूलों में किताबों और वर्दी जैसी समस्याओं को भी दूर किया जा रहा है. पहले स्कूलों में किताबों के सेट समय पर नहीं पहुंचते थे, लेकिन अब सभी सामग्री समय से उपलब्ध कराई जा रही है. अंत में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा कि देश में शिक्षा से जुड़ी कई शानदार पहल हो रही हैं, जिन्हें हरियाणा भी तेजी से लागू कर रहा है. अब जरूरत सिर्फ इस बात की है कि इन्हें जमीन पर सही तरीके से उतारा जाए.
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