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Haryana News: 15 साल बाद गुमशुदा नेहा को मिली अपने परिवार की पहचान, जानें पूरा मामला

Haryana News: पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिक यूनिट (एएचटीयू) पंचकूला में तैनात एएसआई राजेश कुमार एक गुमशुदा लड़की को उसके परिवार से मिलाने के लिए सोनीपत जिले के सरकारी आश्रम ‘बालग्राम’ गए थे. वहां आश्रम में रहने वाली 22 साल की एक युवती ने उनसे भावुक होकर कहा कि सर, मैं यहां पिछले 13 साल से रह रही हूं. मुझे नहीं पता मेरे माता-पिता कहां हैं मुझे उनकी बहुत याद आती है.

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Haryana News: 15 साल बाद गुमशुदा नेहा को मिली अपने परिवार की पहचान, जानें पूरा मामला
Haryana News: 15 साल बाद गुमशुदा नेहा को मिली अपने परिवार की पहचान, जानें पूरा मामला
Zee Media Bureau|Updated: Jan 18, 2025, 06:38 PM IST
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हरियाणा : हरियाणा पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) ने एक बार फिर अपनी कड़ी मेहनत और संवेदनशीलता से मानवता की मिसाल पेश की. पिछले 15 साल से गुमशुदा महाराष्ट्र की एक बेटी को हरियाणा पुलिस ने उसके परिवार से मिलाकर एक बड़ा कारनामा किया है. यह घटना न केवल पुलिस की सराहनीय कार्यशैली को दर्शाती है, बल्कि परिवारों को अपने खोए हुए बच्चों को वापस पाने की उम्मीद भी देती है.

दरअसल, यह कहानी महाराष्ट्र के वर्धा जिले की रहने वाली नेहा (काल्पनिक नाम) की है, जो 7 साल की उम्र में अपने परिवार से बिछड़ गई थी. 2010 में दर्ज की गई गुमशुदगी की एफआईआर के बाद से परिवार नेहा की तलाश में लगा था, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. नेहा को हरियाणा के पानीपत से 2012 में रेस्क्यू किया गया था और वह सोनीपत के सरकारी आश्रम बालग्राम में रहने लगी. आश्रम में रहते हुए नेहा ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और वर्तमान में वह बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा है. हालांकि, परिवार से बिछड़ने का दर्द उसके दिल में हमेशा बना रहा.

एएचटीयू टीम की भूमिका
नेहा ने हाल ही में एएचटीयू टीम के एएसआई राजेश कुमार से संपर्क किया और भावुक होकर निवेदन किया, सर कृपया मेरे माता-पिता को भी ढूंढ दीजिए. मुझे उनकी बहुत याद आती है. नेहा की बातों से प्रभावित होकर टीम ने उसके परिवार को ढूंढने का वादा किया. इसके बाद नेहा की काउंसलिंग की गई, जिसमें उसने अपने घर से जुड़े कुछ छोटे लेकिन महत्वपूर्ण संकेत दिए. उसने बताया कि उसके घर के पास दो गलियां थीं और वहां के बुजुर्ग अलग तरह की टोपी पहनते थे.

15 साल पुराना सुराग
नेहा के बयानों और उपलब्ध जानकारियों के आधार पर जांच शुरू की गई. महाराष्ट्र के वर्धा जिले में दर्ज गुमशुदगी की 2010 की एफआईआर से मेल खाने के बाद पुलिस ने नेहा के परिवार से संपर्क किया. वीडियो कॉल पर नेहा के भाई अनिकेत और अन्य परिजनों ने उसे पहचान लिया. इसके बाद परिवार सोनीपत पहुंचा और सभी औपचारिकताओं के बाद नेहा को परिवार को सौंप दिया गया.

परिवार का धन्यवाद और पुलिस की सराहना
नेहा के परिवार ने हरियाणा पुलिस का नम आंखों से धन्यवाद किया. परिवार ने कहा कि 15 साल बाद उनकी बेटी उन्हें वापस मिली है और यह किसी चमत्कार से कम नहीं. इस अवसर पर हरियाणा पुलिस के अधिकारियों ने सभी अभिभावकों से अपने बच्चों के आधार कार्ड बनवाने और अपडेट रखने की अपील की. इस घटना ने न केवल नेहा को उसका परिवार लौटाया, बल्कि यह साबित किया कि अगर संवेदनशीलता और मेहनत हो, तो कुछ भी असंभव नहीं है.

इनपुट- विजय राणा

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