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Haryana News: अरावली की पहाड़ियों में अवैध खनन से 22 अरब का नुकसान, ACB करेगी जांच

Nuh News: इस मामले में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पांच अधिकारियों को चार्जशीट जारी करने के निर्देश कई दिन पहले दे दिए थे. अब मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक टीम को सौंप दी गई है, जिसकी पुष्टि जिले के उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने की है.

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Haryana News: अरावली की पहाड़ियों में अवैध खनन से 22 अरब का नुकसान, ACB करेगी जांच
Zee Media Bureau|Updated: May 24, 2025, 04:41 PM IST
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Nuh News: नूंह जिले में पिछले एक दशक से अरावली का सीना चोरी छिपे छलनी करके किए गए अवैध खनन व इसके लिए बनाए गए पक्के रास्तों के मामले में सरकार बड़ी कार्रवाई करने जा रही है. इस मामले की जांच अब हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो करेगी. एक दशक के दौरान करीब 22 अरब रुपए के अवैध खनन मामले में तैनात रहे तत्कालीन खनन से जुड़े अधिकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी की गई है. 

मेवात में पिछले कुछ समय से हो रहे अवैध खनन व बगैर अनुमति के खनन के लिए बनाए गए रास्तों को लेकर मिली भगत की बू आ रही है. हालांकि इस मामले में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पांच अधिकारियों को चार्जशीट जारी करने के निर्देश कई दिन पहले दे दिए थे. अब मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक टीम को सौंप दी गई है, जिसकी पुष्टि जिले के उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने की है.

सर्वोच्च न्यायालय ने 2002 में अरावली में खनन पर पाबंदी लगा दी थी. बावजूद इसके खनन माफियाओं ने रवा और आसपास के गांव की अरावली पहाड़ 22 अरब का अवैध खनन किया. खनन माफियाओं द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को ताक पर रखकर न केवल कुछ गांव के अरावली पहाड़ों में अवैध खनन किया जाता रहा, बल्कि पेड़ पौधों को भी बड़े पैमाने पर नष्ट कर दिया गया था.

फिरोजपुर झिरका उपमंडल के गांव बसई मेव नाहरीका, चित्तौड़ा, रवा, बाघोला, महू गांव के अरावली पहाड़ों में अवैध खनन का कार्य निरंतर पिछले लंबे समय से चोरी छुपे मिलीभगत के चलते किया जाता रहा है. खनन विभाग ने 27 जनवरी 2023 की अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार अकेले गांव रवा के अरावली पहाड़ की पैमाइश करने पर इस पहाड़ में से खनन माफियाओं ने 41 लाख 50 हजार 250 मीट्रिक टन पत्थर का अवैध खनन किया है. जिसकी कीमत करीब 22 अरब रुपए आंकी गई थी. यह रिपोर्ट तत्कालीन एसडीएम की तरफ से तत्कालीन उपायुक्त को कार्रवाई के लिए भेजी गई थी. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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ऐसे में प्रश्न उठ रहे हैं कि जब जिला प्रशासन द्वारा जिले में टास्क फोर्स खनन वन विभाग के साथ स्टेट एनफोर्समेंट ब्यूरो का थाना भी मौजूद है तो अरावली में अवैध खनन पर पाबंदी क्यों नहीं लगी. सबसे खास बात यह है कि खनन माफियाओं ने पहाड़ों में डंपरों को आने-जाने के लिए कई अवैध रास्ते भी पत्थरों का मलबा डालकर बना दिया, लेकिन प्रशासन उस समय मूकदर्शक बना रहा. हालांकि कभी-कभी खानापूर्ति करने के लिए महज खानापूर्ति की गई. पिछले सप्ताह उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने खनन माफियाओं द्वारा डंपरों के लिए बनाए गए रास्तों को बुलडोजर से खुदवा दिया था. उपायुक्त ने भी पूर्व में कार्रवाई क्यों नहीं कि इस बात को लेकर अचंभित हैं पिछले सप्ताह ही मामले में डीसी विश्राम कुमार ने बसई मेव गांव के सरपंच मोहम्मद हनीफ को निलंबित कर दिया था. 

INPUT: ANIL MOHANIA 

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