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Haryana News: पाकिस्तानियों के जुल्मों से तंग..., फरीदाबाद में पाकिस्तान से आए हिंदूओं ने सुनाई आपबीती

करीब दो-तीन दशक पहले पाकिस्तानियों के अत्याचारों से परेशान होकर, सब कुछ छोड़कर अपने बच्चों के साथ लॉन्ग टर्म विजा के तहत भारत आकर बसे हिंदू मूल के ज्यादातर पाकिस्तानी, भारतीय नागरिकता ले चुके हैं और उनके बच्चों की शादियां भी यहां हो चुकी हैं.

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Haryana News: पाकिस्तानियों के जुल्मों से तंग..., फरीदाबाद में पाकिस्तान से आए हिंदूओं ने सुनाई आपबीती
Updated: Apr 29, 2025, 04:38 PM IST
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Faridabad News: करीब दो-तीन दशक पहले पाकिस्तानियों के अत्याचारों से परेशान होकर, सब कुछ छोड़कर अपने बच्चों के साथ लॉन्ग टर्म विजा के तहत भारत आकर बसे हिंदू मूल के ज्यादातर पाकिस्तानी, भारतीय नागरिकता ले चुके हैं और उनके बच्चों की शादियां भी यहां हो चुकी हैं. ऐसे कई परिवार यहां फरीदाबाद के विभिन्न इलाकों में बसे हुए हैं. इसी कड़ी में मौजूदा हालातों को देखते हुए फरीदाबाद के हार्डवेयर चौक के पास स्थित राजीव कॉलोनी में बसे करीब 40 परिवारों के लोगों ने बताया कि 26 साल पहले वर्ष 1999 में वह पाकिस्तानियों के जुल्म से तंग होकर वीजा लेकर अपने बच्चों के साथ यहां फरीदाबाद आकर बसे थे. अब उनके लगभग सभी परिवारों को नागरिकता मिल चुकी है और शेष एक दो परिवार ही बाकी बचे हैं, जिन्हें भी जल्दी नागरिकता मिल जाएगी. पहलगाम में आतंकी हमले में मासूम नागरिकों की मौत को लेकर यहां के लोगों में काफी रोष है. साथ ही लोगों ने मोदी सरकार जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाकर अपना आक्रोश जताया. 

26 साल पहले वर्ष 1999 में  पाकिस्तानियों के सितम से तंग आकर वीजा लेकर, सब कुछ छोड़कर अपने बच्चों के साथ यहां फरीदाबाद आकर बसे सिंधी कौम के मजनू दास ने बताया कि 26 साल पहले वह पाकिस्तानियों के अत्याचारों के चलते वीजा लेकर हिंदुस्तान आए थे. उसे समय 40 परिवार यहां फरीदाबाद में आकर बसे थे. उन्होंने बताया कि उस दौर में उनके साथ खूब अत्याचार होता था. बच्चों को तालीम नहीं मिल रही थी और वह शेर के सामने बकरी के समान जीने को मजबूर थे. अपने परिवार की महिलाओं की इज्जत बचाने और सितम से बचने के लिए वह सब कुछ छोड़कर यहां आकर बसे थे.

उन्होंने सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि अब उनके 40 परिवारों में एक दो परिवारों को छोड़कर लगभग सभी को नागरिकता मिल चुकी है. वहीं उस समय जो बच्चे उनकी गोद में थे उनकी शादियां भी हो चुकी हैं. यहां वह फल सब्जी बेचकर अपना गुजारा करते हैं. उन्होंने बताया कि उनके परिवारों की क्राइम ब्रांच और अन्य विभागों द्वारा पूरी तरह से जांच हुई थी. उसके बाद ही उन्हें नागरिकता मिली है और उन्हें कोई भी डर नहीं क्योंकि वह सच्चे हिंदू हैं. उन्होंने कहा कि हमने अपना धर्म नहीं छोड़ा, बल्कि पाकिस्तान को छोड़ दिया. पहलगाम की वारदात को लेकर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान धोखेबाज है, हमेशा से पीछे से वार करता है. यही उसकी फितरत है, इसलिए हिंदुस्तान को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए.  

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वहीं फरीदाबाद निवासी कन्हैया धर्मदास ने बताया कि उसे भारत की नागरिकता बहुत पहले ही मिल चुकी है. वह चाहते हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ मोदी सरकार ने जो फैसला किया है, उसके तहत पाकिस्तान को तड़पाना चाहिए और उसे करारा सबक देना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम हिंदू हैं और सब हिंदू एक हैं. हमने पाकिस्तान में रहकर अपना धर्म बचाया और सब कुछ छोड़कर हिंदुस्तान पहुंचे. उन्होंने कहा कि हमें पाकिस्तानी मत बोलो, हम आज भी हिंदू हैं और कल भी हिंदू रहेंगे. उनका कहना था कि आतंकियों ने 28 को मारा है, इसलिए भारत को उनके हजारों को मारना चाहिए.  

पाकिस्तान से आकर भारतीय नागरिकता हासिल करने वाली हिंदू मूल की महिलाओं ने कहा कि मोदी हमारे लिए भगवान है और हम उन्हें भगवान की तरह ही पूजते हैं. क्योंकि मोदी सोच समझकर काम करते हैं. अन्य महिला पूजा का कहना था कि हम यहीं रहेंगे और कहीं नहीं जाएंगे. अब हम यहीं जिएंगे, यही मरेंगे क्योंकि उन्हें नागरिकता मिल चुकी है. हम सभी मेहनत करके खा पी रहे हैं. एक युवा महिला ने बताया कि जब वह 7 साल की थी, तब अपने मां-बाप के साथ पाकिस्तान छोड़कर यहां आई थी और अब हमें 25 साल यहां रहते हुए हो गए हैं. उसका कहना था कि हम हिंदू हैं और हिंदुस्तान में ही रहना चाहते हैं.  

INPUT: NARENDER SHARMA

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