Haryana News: हरियाणा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और हरियाणा सरकार के बीच कई घंटे चली बैठक के बाद आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत प्रवाइट अस्पतालों में इलाज की बकाया राशि को लेकर सहमति बन गई है. यह बैठक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इसमें डॉक्टरों के बकाया भुगतान का मुद्दा उठाया गया. आईएमए ने सरकार से 31 मार्च तक 600 अस्पतालों की बकाया राशि का भुगतान करने की सहमति दी है.
आयुष्मान भारत योजना का महत्व
आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 2018 में केंद्र सरकार ने प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक की मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की योजना शुरू की थी. इस योजना का लाभ 2.5 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों और बुजुर्गों को मिल रहा है. हरियाणा में लगभग 1.2 करोड़ लोग इस योजना के तहत लाभान्वित हो चुके हैं, जिससे यह राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में एक महत्वपूर्ण पहल बन गई है.
डॉक्टरों के बकाया भुगतान का मुद्दा
हाल ही में हुई बैठक में आयुष्मान भारत की सीईओ संगीता तेतरवाल और आईएमए के पदाधिकारियों ने बताया कि डॉक्टरों के भुगतान को लेकर चर्चा हुईय उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने वित्त विभाग से 2500 करोड़ रुपये का रिवाइज बजट मांगा है. यह बजट मिलने के बाद चालू वर्ष का सारा बकाया भुगतान कर दिया जाएगा.
आईएमए की मांगें और समाधान
आईएमए ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पोर्टल से जुड़ी कुछ मांगें थीं, जिनका समाधान कर दिया गया है. अब पोर्टल में पारदर्शिता से काम होगा, जिससे अस्पतालों को अपने बकाया का भुगतान प्राप्त करने में आसानी होगी. आईएमए के अध्यक्ष डॉ. महावीर जैन के अनुसार, राज्य सरकार ने कई महीनों से भुगतान नहीं किया था, जिससे अस्पतालों की मुश्किलें बढ़ गई थीं.
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भुगतान की वर्तमान स्थिति
आईएमए के अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा में लिस्टेड प्राइवेट अस्पतालों ने जो बिल भेजा है, उनमें से अभी तक केवल 10-15% का भुगतान हुआ है. यह स्थिति अस्पतालों के लिए चिंताजनक है, क्योंकि उन्हें आयुष्मान योजना के मरीजों के इलाज के बाद प्रतिपूर्ति का अनुरोध करना पड़ता है. सरकार की मंजूरी मिलते ही इलाज के पैसे अस्पतालों को मिल जाते हैं, लेकिन यह प्रक्रिया धीमी हो गई है.
मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप
इस मुद्दे को लेकर आईएमए ने जनवरी में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ बैठक की थी. मुख्यमंत्री ने शासन को तत्काल पैसे जारी करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अस्पतालों को अभी तक मामूली रकम ही मिली है. इससे अस्पतालों की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है.
भविष्य की योजना और आवंटन
आईएमए ने यह मांग की है कि आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों के इलाज के बाद भुगतान तुरंत होना चाहिए. इसके अलावा, डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन के बाद प्री-अप्रूवल दिया जाए. मुख्यमंत्री ने हर साल 2000 करोड़ रुपये के सपोर्ट देने की घोषणा की थी, जिसका आवंटन जल्द किया जाना चाहिए. इस प्रकार, हरियाणा सरकार और आईएमए के बीच इस सहयोग से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद की जा रही है.