Haryana-Punjab Water Dispute: पंजाब सरकार की तरफ से भाखड़ा नहर का पानी रोकने के विवाद के बीच हरियाणा सरकार ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने की. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कैबिनेट मंत्री अनिल विज, कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा, कैबिनेट मंत्री श्याम सिंह राणा, कैबिनेट मंत्री श्रुति चौधरी बैठक में मौजूद रहे.
AAP की हार का बदला ले रहे भगवंत मान
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने असंवैधानिक तरीके से हरियाणा का पानी रोका है. उन्होंने आरोप लगाया कि संविधान की शपथ लेने वाला मुख्यमंत्री ऐसे कार्य कर रहा है जो असंवैधानिक हैं. सैनी ने कहा कि यह पानी पूरे देश का है और दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की हार का बदला लेने के लिए विवाद खड़ा किया गया है. उन्होंने कहा कि भगवंत मान का ससुराल हरियाणा के कुरुक्षेत्र में हैं. सीएम ने बताया कि पहले मान ने कहा था कि हरियाणा वाले अपनी बेटी के घर का पानी नहीं पीते, ये पूरी नहर मांग रहे हैं.
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पानी बहकर जाता है पाकिस्तान
नायब सैनी ने कहा है कि 2016 से 2018 तक डैम का जल स्तर सबसे कम रहा. इस दौरान जल स्तर की स्थिति इतनी खराब थी कि हमें पानी फेंकना पड़ा, जो पाकिस्तान चला जाता है. वर्तमान में, जलस्तर उन वर्षों की तुलना में कहीं ज्यादा है, जिससे हरियाणा को राहत मिली है. वर्ष 2019 में जल स्तर 1623 मीटर था और उस समय 0.553 MAF पानी अतिरिक्त हो गया था. यह पानी फेंकना पड़ा था, जिससे यह बहकर पाकिस्तान चला गया. सैनी ने यह भी बताया कि 2015 और 2016 में भी ऐसा ही हुआ था. हरियाणा को लगभग 8500 क्यूसेक पानी मिलता रहा है, लेकिन राज्यों की मांग हर 15 दिन में बदलती रहती है. यह मांग BBMB की टेक्निकल कमेटी द्वारा तय की जाती है.
भगवंत मान ने आश्वासन देकर, जारी किया वीडियो
सीएम सैनी ने बताया कि 26 अप्रैल को उन्होंने भगवंत मान को फोन पर बताया कि BBMB की कमेटी ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को पानी छोड़ने का निर्णय लिया था. हालांकि, पंजाब के अधिकारी इस निर्णय को लागू करने में आनाकानी कर रहे हैं. मान ने कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन जब अधिकारियों ने कुछ नहीं किया, तो सैनी ने मान को दोबारा पत्र लिखा. 48 घंटे तक मेरे लेटर का जवाब नहीं दिया. मान साहब ने राजनीति को ऊपर रखते हुए एक वीडियो जारी किया और बिना तथ्यों के जनता को गुमराह किया.
SYL का पानी ज्यादा इस्तेमाल कर रहा पंजाब
नायब सैनी ने आरोप लगाया कि पंजाब हर साल अपने हिस्से से अधिक पानी का उपयोग कर रहा है. SYL का निर्माण न होने के कारण हरियाणा केवल 1.62 MAF पानी का ही उपयोग कर रहा है, जबकि उसका आवंटित हिस्सा 3.5 MAF है. सैनी ने कहा कि मान सरकार केवल भ्रमित कर रही है और सस्ती राजनीतिक लोकप्रियता हासिल करने के लिए ऐसा कर रही है.
हरियाणा में पीने के पानी की समस्या
हरियाणा के कई जिलों में पीने के पानी की समस्या उत्पन्न हो रही है. सैनी ने कहा कि पंजाब सरकार को यह समझना चाहिए कि हरियाणा को पानी देना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि अगर मान हरियाणा आए तो उन्हें पानी और चाय पिलाई जाएगी. यह पानी केवल पंजाब का नहीं, बल्कि पूरे देश का है, जो हिमाचल से होकर पंजाब आता है.
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भाखड़ा डैम पर पुलिस तैनाती
नायब सैनी ने कहा कि मान सरकार ने डैम पर पुलिस तैनात की है, जो कि एक गलत कदम है. उन्होंने BBMB के फैसले को दरकिनार कर दिया है. सैनी ने कहा कि यह ठीक नहीं है कि पंजाब पुलिस भाखड़ा डैम पर तैनात हो.
झूठे बयान का आरोप
सैनी ने मान पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है. मान ने कहा है कि हरियाणा को 4000 क्यूसेक पानी के लिए धन्यवाद करना चाहिए, जबकि सैनी का कहना है कि यह हरियाणा के साथ अन्याय है. BBMB ने हरियाणा का कोटा तय किया है, लेकिन मान सरकार ने इसे मानने से इनकार कर दिया है.
दिल्ली की जनता से बदला लेने हरियाणा में पानी बंद
नायब सैनी ने यह भी कहा कि जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी तो पंजाब CM को कोई आपत्ति नहीं थी. अब जब वहां सरकार नहीं है, तो जल संकट पर उन्होंने आंखें बंद कर ली हैं. ऐसा लगता है कि उन्होंने दिल्ली की जनता से बदला लेने के लिए हरियाणा में पानी बंद कर दिया है.
बता दें कि मान सरकार द्वारा भाखड़ा डैम पर पुलिस तैनाती को लेकर हरियाणा के एडवोकेट रविंद्र सिंह ढुल ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगाकर पुलिस फोर्स हटाने की मांग की है. एडवोकेट ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) और केंद्र सरकार को पार्टी बनाया है. साथ ही हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान कर चुकी है. इसके लिए दिल्ली में अधिकारियों से ड्राफ्ट तैयार कराया जा रहा है. उम्मीद है कि जल्द ही याचिका दायर की जाएगी.
9 जिलों में जल संकट शुरू, दिल्ली-राजस्थान को भी हो सकता है नुकसान
वहीं सूत्रों की मानें तो हरियाणा के 9 जिलों में पानी का संकट होने लगा है. स्थिति में सुधार समय रहते नहीं हुआ तो दिल्ली और राजस्थान जाने वाले पानी में कटौती की जा सकती है. हरियाणा से ही दोनों राज्यों को पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति होती है.