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Kurukshetra News: NIT कुरुक्षेत्र के छात्रों ने विकसित की नई तकनीक, अब हाथ के इशारे से चलया जा सकता है कार

NIT Kurukshetra:  NIT कुरुक्षेत्र के लड़कों ने एक नई तकनीक विकसित की है. अब कार को हाथ के इशारों से चलाया जा सकता है. इस तकनीक में सेंसर, माइक्रो कंट्रोलर, मोटर ड्राइवर, ट्रांसमीटर और रिसीवर का उपयोग किया गया है.

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Zee Media Bureau|Updated: Mar 01, 2025, 09:22 PM IST
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Kurukshetra News: NIT कुरुक्षेत्र के छात्रों ने एक नई और अनोखी तकनीक विकसित की है, जिससे अब कार को हाथ के इशारों से चलाया जा सकता है. इस तकनीक में सेंसर, माइक्रो कंट्रोलर, मोटर ड्राइवर, ट्रांसमीटर और रिसीवर का उपयोग किया गया है. यह तकनीक भविष्य में कार चलाने को और भी आसान बना सकती है. इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य कार चलाने के पारंपरिक तरीके को बदलना है, जिसमें हाथ से स्टेयरिंग व्हील पकड़ने और पैर से ब्रेक पैडल दबाने की आवश्यकता होती है. अब इसके जगह पर केवल एक विशेष दस्ताना पहनने की जरूरत होगी, जिसमें सेंसर लगा होगा और कार केवल हाथ के इशारों से चलेगी और रुकेगी.

सेंसर की मदद से यह तकनीक वाहन के मोड़ने, ब्रेक लगाने और रिवर्स गियर लगाने जैसे कार्यों को इशारों के माध्यम से कंट्रोल करने की क्षमता प्रदान करती है. यह कार्य आसान बनाने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे भविष्य में लोगों को वाहन चलाने में और अधिक सुविधा मिल सकती है.

NIT के 6 छात्रों ने किया विकसित
यह तकनीक एनआईटी कुरुक्षेत्र के इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन विभाग के 6 लास्ट ईयर के लड़कों द्वारा विकसित की गई है. इन छात्रों ने इसे एक बोट के छोटे मॉडल पर परीक्षण किया, जिसमें सेंसर, माइक्रो कंट्रोलर और रिसीवर का इस्तेमाल किया गया. इस छोटे मॉडल के माध्यम से, जब हाथ को किसी दिशा में मोड़ा जाता है तो बोट उसी दिशा में मुड़ जाती है. इसी तरह, जब हाथ ऊपर या नीचे किया जाता है तो बोट आगे या पीछे चलती है. इन छात्रों ने इस छोटे मॉडल का परीक्षण किया और उसकी कार्यप्रणाली की जांच की जिससे यह समझा जा सका कि इसे भविष्य में एक कार के लिए भी उपयोगी बनाया जा सकता है.

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भविष्य के इसके फायदे 
इस तकनीक को तैयार करने में युजित, रजनीश, हर्षित, अश्वनी और गर्वित का योगदान था. उन्होंने बताया कि भविष्य में इस तरह की तकनीक से मानव कार्यों को और अधिक सरल और कुशल बनाया जा सकेगा. NIT के इस तकनीकी प्रदर्शन में और भी कई नई और उन्नत तकनीकें शामिल थीं जो विद्यार्थियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में बनाई थीं. इनमें से एक जरूरी तकनीक AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित रोबोट्स की थी, जो अब बिना मानव के कंट्रोल के अपने सामने आने वाली बाधाओं का अनुमान लगा सकते हैं. खुद से सुरक्षित मार्ग चुन सकते हैं. यह तकनीक यह दिखाती है कि आगे चलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग अलग-अलग कठिन कामों को और अधिक आसान बनाने के लिए किया जा सकता है.

Input- DARSHAN KAIT

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