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Haryana News: डेंगू जांच अब सस्ती, निजी हॉस्पिटल 600 रुपये से ज्यादा नहीं ले सकेंगे, सरकारी अस्पतालों में टेस्ट होंगे फ्री

Haryana: हरियाणा में बारिश से डेंगू का खतरा  बढ़ गया है. इससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जुलाई को डेंगू विरोधी माह घोषित करते हुए एक अभियान चलाने का निर्णय लिया है. प्राइवेट अस्पताल और प्रयोगशालाओं को  अनुशंसित डेंगू के लिए ज्यादा से ज्यादा 600 रुपये लेने के आदेश है.

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Haryana News: डेंगू जांच अब सस्ती, निजी हॉस्पिटल 600 रुपये से ज्यादा नहीं ले सकेंगे, सरकारी अस्पतालों में टेस्ट होंगे फ्री
Akanchha Singh|Updated: Jun 29, 2025, 09:00 PM IST
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Haryana News: हरियाणा में बारिश के कारण हर जगह जलभरवा हो रहे हैं. ऐसे में डेंगू का खतरा  बढ़ गया है. वहीं इससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जुलाई को डेंगू विरोधी माह घोषित  करते हुए एक अभियान चलाने का निर्णय लिया है. राज्य में हर रविवार को सूखा दिवस के रूप में मनाया जाएगा. इतना नहीं प्राइवेट अस्पताल में डेंगू की जांच के नाम पर ज्यादा पैसे लेने कि शिकायतों पर भी  स्वास्थ्य विभाग सख्त हो गया है. बता दें कि प्राइवेट अस्पताल और प्रयोगशालाओं को अनुशंसित डेंगू परीक्षण (एलिसा आधारित एनएस 1 और आईजीएम) के लिए  ज्यादा से ज्यादा 600 रुपये लेने के आदेश है. वहीं जो अस्पाताल इसे ज्यादा पैसे लेंगे उन्को खिलाफ कार्रवाई होगी. 

नहीं देना होगा पैसे
बता दें कि राज्य में 27 सरकारी डेंगू जांच प्रयोगशालाएं हैं. यहां पर मरीजों को जांच के लिए एक भी पैसे नहीं देना पड़ेगा.  इतनी ही नहीं सारे सरकारी अस्पतालो में जो भर्ती डेंगू मरीज हैं, उन्हें  प्लेटलेट्स बिल्कुल फ्री में उपलब्ध करवाई जाएगी. अगर प्लेटलेट्स  को प्राइवेट हॉस्पिटल से लेना पड़ता है तो इसाक भुगतान  राज्य सरकार करेगी. हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव के अनुसार, यह नियम सभी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और जापानी एन्सेफलाइटिस (JE) का मरीज मिलने पर तुरंत सिविल सर्जन को सूचना दें.  

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इतना लगेगी जुर्माना
शहरी स्थानीय निकाय विभाग को रैंडम फॉगिंग की बजाय अब केस-आधारित फॉगिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. इसका उद्देश्य केवल प्रभावित इलाकों में फॉगिंग कर संसाधनों का प्रभावी उपयोग करना है. साथ ही, जिन घरों, दुकानों या फैक्ट्रियों में मच्छरों के पनपने की स्थिति पाई जाती है, वहां अब 200 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इस अभियान का उद्देश्य लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक करना और बीमारी फैलाने वाले कारकों को समय रहते कंट्रोल करना है. सरकार का कहना है कि सक्रिय निगरानी, प्रभावी फॉगिंग और सख्त कार्रवाई से ही मच्छरजनित बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

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