Haryana News: कैथल में बुधवार को कर्मियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा गया. रोडवेज कर्मचारी सुबह से ही बस स्टैंड पर धरना दे रहे थे. इस हड़ताल का मुख्य कारण विभिन्न संगठनों द्वारा सरकार की नीतियों के खिलाफ रोष व्यक्त करना था. हड़ताल के चलते रोडवेज बसों का संचालन प्रभावित हुआ, जिससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
डिपो प्रधान अमित कुमार कुंडू ने बताया कि हड़ताल के चलते उनके संगठन के कर्मचारियों ने बसें बंद रखी. इससे यात्रियों को यात्रा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा. सर्व कर्मचारी संघ, इंटक, कर्मचारी महासंघ, रिटायर्ड कर्मचारी संघ, अखिल भारतीय किसान सभा, नगरपालिका कर्मचारी संगठन और परियोजना कर्मियों ने इस हड़ताल का समर्थन किया है. इन संगठनों के समर्थन से हड़ताल की ताकत और भी बढ़ गई है. कर्मचारी संगठनों का कहना है कि यह हड़ताल सरकार की लगातार उपेक्षा और वादाखिलाफी के खिलाफ है.
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कर्मचारियों ने कई महत्वपूर्ण मांगें उठाई हैं. उनमें से एक है महंगाई के अनुसार सभी कर्मचारियों को 5 हजार रुपए का अंतरिम राहत प्रदान करना. इसके अलावा आठवें वेतन आयोग से पहले 7वें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने की मांग की गई है. हड़ताल में शामिल कर्मचारियों ने यह भी मांग की है कि सभी कच्चे कर्मचारियों को स्थायी किया जाए और हटाए गए कौशल के सभी कर्मचारियों को वापस लिया जाए. इसके अलावा, परियोजना कर्मियों को कर्मचारी का दर्जा देने और पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की गई है.
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कर्मचारियों ने आश्रितों के मेडिकल प्रतिपूर्ति बिलों का भुगतान आश्रित की आय को जोड़े बिना करने की भी मांग की है. इसके साथ ही, आबादी और क्षेत्रफल के अनुसार 10 लाख बेरोजगारों को स्थायी रोजगार देने की मांग भी की गई है. कर्मचारियों ने परियोजना कर्मियों और मजदूरों के लिए 26 हजार रुपए न्यूनतम मानदेय की मांग की है. इसके साथ ही, जनता को सस्ती दर पर शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की भी मांग की गई है. दी ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियन के कैशियर जसबीर सिंह ने बताया कि यह हड़ताल पूरे दिन जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि कैथल डिपो में 250 से अधिक बसें हैं, जिनमें से केवल 19 किलोमीटर स्कीम की बसें और कुछ प्राइवेट बसें ही चल रही हैं. हड़ताल का असर अन्य विभागों में भी दिखाई देगा.