Haryana plane crash: अहमाबाद में हुई विमान दुर्घटना के बाद आज से 27 वर्ष पहले 12 नवंबर 1996 को चरखी दादरी के समीप आसमान में दो विमानों की टक्कर से बिजली कौंधी और पलभर में 349 लोग अकाल मौत के शिकार हो गए. सऊदी अरब विमान और कजाकिस्तान के विमान क्रैश होने का मामला बड़े विमान हादसों में शामिल हो गया, जिसको याद कर चरखी दादरी के लोगों की रूंह कांप जाती हैं. लोग भागते हुए मौके पर पहुंचे तो चारों तरफ शव ही शव पड़े मिले. विमान हादसे का वह मंजर याद कर दादरीवासी आज भी सिहर उठते हैं.
कैसे हुआ था प्लेन हादसा?
बता दें कि 12 नंवबर 1996 की उस शाम को लोग आज भी याद कर सिहर उठते हैं. दरअसल चरखी दादरी से पांच किलोमीटर दूर गांव टिकान कलां और खेड़ी सनसनवाल के समीप सऊदी अरब का मालवाहक विमान और कजाकिस्तान एयरलाइंस का यात्री विमान टकरा गए थे. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि हादसे के साथ ही आसमान में बिजली सी कौंधी और दोनों विमानों में सवार 349 लोगों की जिंदगियां पलभर में ही आग के शोलों में समा गई. यहां के निवासी उस दिन को याद कर बताते हैं कि यह किस्सा जाड़े का मौसम का था. उस दिन आसमान खुला और साफ भी था. सायं करीब 7 बजे अचानक उनके आसपास खेतों में आग के गोले बरसने लगे. लोग घबराकर घरों के बाहर भागे, ग्रामीण आशंका से भर गए, लेकिन तभी खेतों की ओर से कुछ ग्रामीण बदहवास दौड़ते आते दिखाई दिए. ये एक भीषण विमान हादसा था, जो कुछ ही घंटों बाद दुनियाभर में देश की बदनामी का बड़ा कारण बन गया. हादसे के बाद उनके खेतों की जमीन बंजर हो गई और करीब दस किलोमीटर के दायरे में दोनों विमानों के अवशेष और लाशें बिखर गई थी.
चारों तरफ पड़ी थीं लाशें
प्रत्यक्षदर्शी और वरिष्ठ पत्रकार दयानंद प्रधान ने बताया कि आसमान में आग के गोले बरसते देख मौके की ओर दौड़े तो जानकारी मिली कि दो विमान आपस में टकराए हैं. चारों तरफ लाशें पड़ी हुई थी. आसमास में गोले बरसने की सूचना पर सबसे पहले वे स्वयं मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी थी. मौके पर विडियो और फोटो भी बनाए जो उनको देख आज भी रूंह कांप जाती हैं. वहीं प्रत्यक्षदर्शी महासिंह ठेकेदार ने बताया कि वह झज्जर से अपने गांव मौड़ी में जीप से आ रहे थे. दादरी में एंट्री की तो आसमान में बिजली कौंधी, अचानक तेज आवाज के साथ गोले बरसने शुरू हो गए. वह तुरंत जीप लेकर मौके पर पहुंचे तो चारों तरफ बुरा हाल था. शव पेड़ों पर लटके हुए थे. तुरंत 4 लोगों को जीप में डालकर अस्पताल पहुंचाया और वापिस मौके पर आकर देखा तो मंजर देख रूंक कांप उठी. किसी भी यात्री को नहीं बचाने का दर्द है.
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यह घटना सबसे बड़ी घटना थी
चरखी दादरी में उस समय के विश्व के सबसे बड़े विमान दुघर्टना 12 नवंबर 1996 में हुई थी. हादसा ऐसा भयानक था कि अधकांश शवों की पहचान नहीं हुई. तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और मुख्यमंत्री बंशीलाल भी हादसा स्थल पर पहुंचे थे. उस समय जहां अस्पताल में शवों के ढेर लगे हुए थे. वहीं सामाजिक संस्थाओं ने भी सहयोग किया था. बाद में शवों को जेसीबी की सहायता से दफनाया गया. कब्रिस्तान में आज भी विदेशों से लोग अपनों को याद करने पहुंचते हैं.
Input- Pushpender Kumar
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