Haryana News: हरियाणा सरकार ने प्रदेश के उद्योगपतियों को बड़ी राहत देने की दिशा में अहम कदम उठाया है. मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर की अध्यक्षता में पानीपत, यमुनानगर, फरीदाबाद, सोनीपत और गुड़गांव के औद्योगिक संगठनों के अध्यक्षों व सचिवों के साथ बैठक हुई. इस बैठक में उद्योगों से जुड़ी समस्याओं को साझा किया गया. जिनके समाधान की दिशा में सरकार ने त्वरित कार्यवाही शुरू कर दी है.
अवैध औद्योगिक इकाइयों को वैध किया जाए
हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री पानीपत के अध्यक्ष विनोद धमीजा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बजट से पहले उद्योगपतियों के साथ बैठक कर उनकी परेशानियों को गंभीरता से सुना था और उन्हें अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था. अब उन घोषणाओं पर अमल शुरू हो चुका है. प्रमुख मांग यह थी कि प्रदेश में अवैध कॉलोनियों में चल रही औद्योगिक इकाइयों को वैध किया जाए, जिससे वे बिना किसी डर के अपना व्यापार आगे बढ़ा सकें. राजेश खुल्लर ने इस मांग को स्वीकार करते हुए संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि सभी अवैध कॉलोनियों में चल रही इकाइयों को वैध किया जाए. इस फैसले से प्रदेश की करीब 1 लाख से अधिक औद्योगिक इकाइयों को सीधा लाभ मिलेगा. साथ ही यह भी तय किया गया कि यदि 10 एकड़ भूमि या 50 औद्योगिक इकाइयां एक साथ आवेदन करेंगी तो उन्हें प्राथमिकता के आधार पर मंजूरी दी जाएगी.
पोर्टल निर्माण और लाइसेंस प्रक्रिया होगी सरल
विनोद धमीजा ने बताया कि सरकार ने इसके लिए एक पोर्टल भी बनाना शुरू कर दिया है, जिसमें सभी आवश्यक सुधार किए जा रहे हैं. यह पोर्टल उद्योगपतियों को ऑनलाइन आवेदन और प्रक्रिया को सरल बनाने में मदद करेगा. सचिव राजीव अग्रवाल ने कहा कि फैक्ट्री लाइसेंस की अवधि जो पहले एक साल की होती थी, उसे बढ़ाकर 5 साल करने की मांग की गई है. साथ ही हरियाणा वाटर सिक्योरिटी अथॉरिटी की अनुमति की जटिल प्रक्रिया को भी आसान करने की अपील की गई है.
इनपुट- राकेश भयाना
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