Haryana: हरियाणा और पंजाब के लोगों के लिए राहत की खबर है. पिछले 40 साल से ज्यादा पुराना सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर का जल विवाद अब सुलझने की दिशा में बढ़ता दिख रहा है. दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अध्यक्षता में हुई बैठक में हिस्सा लिया. बैठक के बाद दोनों ही राज्यों ने कहा कि हम जल्दी ही इस मुद्दे का हल निकालेंगे और इसे आपसी भाईचारे से सुलझाया जाएगा. बैठक में यह भी तय हुआ कि अगली बैठक 5 अगस्त को होगी, जिसमें इस पर आगे की बातचीत होगी. माना जा रहा है कि इस बैठक में दोनों राज्यों के बीच कोई ठोस समझौता हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले की सुनवाई 13 अगस्त को तय है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी बैठक के बाद मीडिया से कहा कि यह एक सार्थक बैठक रही. उन्होंने कहा कि पंजाब-हरियाणा दोनों भाई-भाई हैं और दोनों के हितों को देखते हुए जल्दी ही इस विवाद को निपटाने पर सहमति बनी है. गौरतलब है कि सतलुज-यमुना लिंक नहर के निर्माण पर दोनों राज्यों के बीच 1976 में सहमति बनी थी. हरियाणा ने अपने हिस्से में नहर का निर्माण कर लिया, लेकिन पंजाब ने अपने हिस्से में अब तक नहर नहीं बनाई. इस वजह से हरियाणा को पंजाब से होकर पानी नहीं मिल पा रहा है.
बैठक के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा हमारा कोई दुश्मन नहीं है. हम दो राज्य नहीं बल्कि दो भाई हैं. उन्होंने कहा कि पानी के मुद्दे पर अब तक बहुत राजनीति हो चुकी है, जो अब खत्म होनी चाहिए. मान ने कहा कि हमें हरियाणा को पानी देने से कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन इसके लिए केंद्र को झेलम से हमें 23 मिलियन एकड़ फीट से ज्यादा पानी दिलाने की योजना भी बनानी होगी. उन्होंने इस मामले पर फास्ट ट्रैक बैठकें करने की भी मांग की. केंद्र सरकार की पहल और दोनों मुख्यमंत्रियों की सकारात्मक सोच से अब उम्मीद जगी है कि यह पुराना विवाद जल्द ही हल हो जाएगा और दोनों राज्यों के लोगों को पानी की दिक्कत से राहत मिलेगी.
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