Chaudhary Charan Singh Agricultural University Hisar: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में बवाल के बाद छात्रों ने मंगलवार को राज्यपाल को पत्र लिखकर कुलपति डॉ. बलदेव राज कंबोज को तत्काल हटाने की मांग की है. इधर जेजेपी युवा के अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने छात्र प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल से मुलाकात की. उन्होंने इस विषय पर गवर्नर को एक ज्ञापन दिया. राज्यपाल से मुलाकात के बाद दिग्विजय चौटाला ने कहा, स्टूडेंट स्टाइपेंड के लिए वीसी ऑफिस गए थे, लेकिन उन्हें वहां लाठी डंडे मिले और उनकी बात सुनने की बजाय उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया. यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ हुआ, वह बहुत ही गलत था और इस घटना के कारण सिर्फ एक व्यक्ति पर FIR दर्ज करना सही नहीं है. इस मामले में शामिल सभी लोगों पर केस दर्ज होना चाहिए. दिग्विजय चौटाला ने कहा, राज्यपाल से हमें पूरी उम्मीद वह इसकी जांच करवाकर कार्रवाई करेंगे.
छात्रों से किया गया दुर्व्यवहार
छात्रों ने राज्यपाल को लिखे पत्र में बताया कि 13 मई को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा एकतरफा निर्णय लेते हुए हमारी छात्रवृत्ति में कटौती कर दी. इस अन्याय के विरोध में छात्र 20 दिनों से शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन एवं अनुरोध पत्रों के माध्यम से प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहे थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें अनसुना कर दिया. 10 जून को छात्र कुलपति कार्यालय के समक्ष शांतिपूर्वक धरने पर बैठे.
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50 से अधिक सुरक्षाकर्मियों ने हमला किया
इस दौरान कुलपति की उपस्थिति में विश्वविद्यालय के चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर और 50 से अधिक सुरक्षाकर्मियों ने छात्रों पर हमला कर दिया. उनसे गालीगलौच की. कुछ छात्रों के सिर फट गया. यहां तक कि 10-11 गार्डों ने एक अकेले छात्र को घेरकर बेरहमी से पीटा. छात्राओं को भी नहीं बख्शा गया, उन्हें भी धक्का-मुक्की व मारपीट का सामना करना पड़ा. विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों संग हुई बर्बरता किसी भी सभ्य समाज व शैक्षणिक संस्थान के लिए शर्मनाक है.
कुलपति पर तानाशाही का आरोप
छात्रों ने पत्र में यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. पवन कुमार, DSW डॉ. एम.एल. खिचड़, मुख्य सुरक्षा अधिकारी सुखबीर सिंह, प्रोफेसर राधेश्याम और अन्य अधिकारियों ने छात्रों पर धरने से उठने का दबाव डाला. इतना ही नहीं छात्रों को डराने के लिए भीड़ में एक वाहन घुसा दिया. यह कुलपति की शुद्ध तानाशाही, सत्ता का दुरुपयोग और छात्रों के मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है. आरोप है विश्वविद्यालय के कुलपति के दबाव में डॉक्टरों से MLR रिपोर्ट में भी छेड़छाड़ करवाई गई, जहां छात्रों की गंभीर चोटों को मामूली बताया गया. छात्रों का कहना है कि कुलपति ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए न केवल CCTV फुटेज मिटवाने का प्रयास किया, बल्कि पुलिस पर भी दबाव बनाकर FIR में कमजोर धाराएं लगवाईं.
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छात्रों की मांगें
- छात्रों ने कुलपति डॉ. बलदेव राज से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की. साथ ही घटनास्थल पर उनकी उपस्थिति, मामले में हस्तक्षेप न करना, छात्रों को गाड़ी से कुचलने की कोशिश के लिए कानूनी कार्रवाई की जाए.
- प्रोफेसर राधेश्याम को हत्या की कोशिश (Attempt to Murder) के आरोप में गिरफ्तार किया जाए और उन्हें बर्खास्त किया जाए. छात्रों ने उन पर लाठी से जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया. कई छात्रों के सिर पर गंभीर चोटें हैं.
- रजिस्ट्रार डॉ. पवन कुमार, छात्र कल्याण निदेशक (DSW) डॉ. एम.एल. खिचड़, CSO सुखबीर सिंह, हॉस्टल वार्डन डॉ दलीप बिश्नोई, कपिल अरोड़ा (कुलपति सेक्रेटरी) को गिरफ्तार किया जाए.
- सभी हमलावर सुरक्षा कर्मियों की सेवाएं समाप्त की जाएं, उन्हें गिरफ्तार किया जाए, और भविष्य में किसी भी रूप में विश्वविद्यालय में उनकी नियुक्ति न की जाए.
- विश्वविद्यालय प्रशासन और सुरक्षा कर्मियों द्वारा किए गए हमले में घायल सभी छात्रों का पूरा चिकित्सा खर्च विश्वविद्यालय द्वारा वहन किया जाए.
-विश्वविद्यालय नियम 6.2, अध्याय VI में किए गए संशोधन को पूरी तरह से वापस लिया जाए और पुरानी छात्रवृत्ति संरचना को बहाल किया जाए. छात्रवृत्ति को ICAR मानकों के अनुसार बढ़ाया जाए और विश्वविद्यालय के प्रॉस्पेक्टस और शैक्षणिक कैलेंडर में LDV सीटों से संबंधित हालिया बदलावों को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए और पूर्व नियमों को बहाल किया जाए.
-प्रशासन द्वारा धरने के दौरान की गई झूठी शिकायतों को खारिज किया जाए और प्रदर्शन में भाग लेने वाले किसी भी छात्र पर कोई अनुशासनात्मक व कानूनी कार्रवाई न की जाए.
- पहले से निर्धारित शैक्षणिक कार्यक्रम (जैसे सेमिनार, वाइवा, प्रशिक्षण आदि) की तिथि को कम से कम 30 दिन आगे बढ़ाया जाए.
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