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Kaithal News: भविष्य खतरे में देख उबले आंगनबाड़ी वर्कर, 9 जुलाई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की दे डाली चेतावनी

Haryana News: आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर यूनियन की राज्य सचिव शकुंतला देवी ने कहा, हम समाज के सबसे कमजोर वर्गों के लिए काम करते हैं, उनके साथ ऐसा अन्याय क्यों किया जा रहा है? अब देखना यह है कि सरकार इन मांगों पर क्या रुख अपनाती है और क्या आंगनबाड़ी कर्मियों को उनका हक मिल पाएगा.

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हरियाणा में 512 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने के फैसले के बाद शुरू हुआ प्रदर्शन
हरियाणा में 512 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने के फैसले के बाद शुरू हुआ प्रदर्शन
Zee Media Bureau|Updated: Jun 30, 2025, 01:20 PM IST
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Anganwadi Worker Protest: कैथल जिले में आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर यूनियन की महिलाओं ने सरकार की नीतियों के खिलाफ हनुमान वाटिका में जोरदार प्रदर्शन किया. यूनियन का कहना है कि हरियाणा में 512 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने का फैसला उनके भविष्य के लिए खतरा है. महिलाओं ने वेतन वृद्धि, नियमितीकरण, पोषण ट्रैकर ऐप की समस्याओं के समाधान और बंद मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों के वर्करों को दूसरी जगह काम देने समेत कई मांगें रखीं. साथ ही चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे 9 जुलाई 2025 को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगी और सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगी.

आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर यूनियन ने कहा कि 512 केंद्र बंद होने से वर्करों और हेल्परों का रोजगार खतरे में पड़ गया है. यूनियन की राज्य सचिव शकुंतला ने कहा, आज सरकार ने मिनी आंगनबाड़ी केंद्र बंद किए हैं, कल प्ले स्कूल बंद कर देगी और फिर धीरे-धीरे सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने की साजिश रची जाएगी. इससे हमारा भविष्य असुरक्षित हो गया है. उन्होंने सवाल उठाया कि जो आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर समाज के सबसे कमजोर वर्गों के लिए काम करते हैं, उनके साथ ऐसा अन्याय क्यों किया जा रहा है?

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ये हैं मुख्य मांगें 
यूनियन ने वेतन वृद्धि, नियमितीकरण और बंद मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों के वर्करों को दूसरी जगह काम देने समेत कई मांगें रखीं. प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्परों ने न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये करने और उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग की. सितंबर 2018 से केंद्र सरकार द्वारा घोषित 1500 रुपये (वर्करों के लिए) और 750 रुपये (हेल्परों के लिए) की वेतन वृद्धि का पांच साल का बकाया तुरंत जारी किया जाए.

प्रमोशन और भर्ती
हेल्पर से वर्कर के पद पर प्रमोशन का कोटा 25% से बढ़ाकर 50% करने और खाली पड़े सुपरवाइजर, सीडीपीओ, और अन्य पदों पर तत्काल भर्ती की मांग भी महिलाओं ने की. इसके अलावा पोषण ट्रैकर ऐप में फोटो कैप्चर और ओटीपी सिस्टम को बंद करने की मांग की, क्योंकि यह वरिष्ठ कर्मियों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है. यूनियन का कहना है कि ग्रेच्युटी, पीएफ, ईएसआई, और टीए/डीए जैसी सुविधाएं प्रदान करने और दुर्घटना में मौत पर 5 लाख रुपये मुआवजा और घायल होने पर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की मांग की. 

पहले भी हो चुके हैं प्रदर्शन
यह पहली बार नहीं है जब कैथल में आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर यूनियन ने प्रदर्शन किया है. फरवरी 2025 में भी यूनियन ने लघु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर सरकार को अपनी मांगों से अवगत कराया था. इस बार यूनियन ने स्पष्ट किया कि अगर सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती तो वे 9 जुलाई को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होंगी.  इस हड़ताल में देशभर की आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगी.

इनपुट: विपिन शर्मा 

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