RML Hospital: देश के ज्यादातर राज्यों में अब गर्मी का सितम देखने को मिल रहा है. खासतौर पर अगर मैदानी इलाकों की बात करें तो यहां ज्यादातर राज्यों में हीट वेव्स की स्थिति बनी हुई है. हिट स्ट्रोक सुनने में तो सामान्य लगता है लेकिन इसकी वजह से देश के अलग-अलग राज्यों में कई मरीजों की जान चली जाती है.
मैदानी इलाकों में हीट स्ट्रोक की समस्या
RML अस्पाल के सीनियर डॉक्टर हिमांशु बताते हैं कि मैदानी इलाकों में हीट स्ट्रोक आना आम बात है लेकिन, ज्यादातर मरीजों को हीट स्ट्रोक से पहले हिट एक्जर्शन होता है, जिसमें वह अपना ध्यान नहीं देते फिर स्थिति गंभीर होने के बाद उन्हें हीट स्ट्रोक हो जाता है. हीट स्ट्रोक में किसी मरीज को अस्पताल तो ले जाया जा सकता है, लेकिन हर मरीज के लिए तुरंत अस्पताल पहुंचाना संभव नहीं होता. ऐसे में अगर किसी को हीट स्ट्रोक आ जाता है तो उन्हें टेको मेथड के जरिए प्राइमरी यानी शुरुआती उपचार दिया जा सकता है. इसकी मदद से मरीज की जान को बचाया जा सकता है.
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हीट स्ट्रोक का बना है अलग वार्ड
फिलहाल RML अस्पताल में हीट स्ट्रोक मैनेजमेंट का एक अलग से वार्ड भी बनाया गया है. यह वार्ड बेहद खास है यहां पर मरीज का इलाज बर्फ और पानी से किया जाता है. यानी एक इन्फ्लेमेशन टब बनाया गया है. साथ ही एक इमर्शन टब भी मौजूद है, जिसमें बर्फ के साथ पानी है पानी का तापमान कम होने की वजह से जब मरीज को इस इमर्शन टब में लिटाया जाता है तो उनका तापमान कम हो जाता है और वह जल्द ठीक हो जाते हैं. इसके बाद मरीज को इलाज दिया जाता है. अगर वो ठीक है तो उसे डिस्चार्ज कर देते हैं और बीमार होने पर अलग वार्ड में शिफ्ट किया जाता है. RML में फिलहाल 3 बेड की सुविधा उपलब्ध है. वहीं 3 एसी एम्बुलेंस की सुविधा भी लोगों के लिए रखी गई है.
Input- Hemang Barua