trendingNow/india/delhi-ncr-haryana/delhiHaryana02509851
Home >>Delhi-NCR-Haryana

आगे बढ़ने के लिए किस्मत और मेहनत में क्या ज्यादा जरूरी, डॉ. सुभाष चंद्रा ने विद्यार्थियों को दिखाई राह

Hisar News: डॉ. सुभाष चंद्रा ने हिसार में छात्र-छात्राओं को जीवन से जुड़े तमाम अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि बुराई को खत्म करने वाली शक्ति महाकाली, धन की शक्ति महालक्ष्मी, विद्या की शक्ति मां सरस्वती और हिम्मत और साहस की शक्ति मां दुर्गा हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं. 

Advertisement
आगे बढ़ने के लिए किस्मत और मेहनत में क्या ज्यादा जरूरी, डॉ. सुभाष चंद्रा ने विद्यार्थियों को दिखाई राह
Zee Media Bureau|Updated: Nov 11, 2024, 05:58 PM IST
Share

Hisar News: पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा ने फतेहाबाद स्थित पीएम श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय खारा खेड़ी के विद्यार्थियों को प्रेरणा दी. उन्होंने कक्षा छह से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों को अपने विचारों से रूबरू किया. डॉ.चंद्रा ने विद्यालय में आखिरी हिंदू सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य की मूर्ति का अनावरण किया और बुद्ध पार्क में पौधारोपण कर पर्यावरण को संरक्षित करने का संकल्प लिया. इसके पश्चात छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया. 

डॉ. सुभाष चंद्रा को अंतरराष्ट्रीय एमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. उनकी आत्मकथा का विमोचन स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके हैं. स्कूल पहुंचने पर प्राचार्य अनूप सिंह और उनकी धर्मपत्नी शकुंतला, उप प्राचार्य कुसुम गुप्ता, वरिष्ठ शिक्षक अखिलेश कुमार अग्रवाल और विद्यालय के अन्य शिक्षकों ने पूर्व सांसद का स्वागत किया. कक्षा छह की छात्रा कुंवारी नव्या और उर्वी ने राधा कृष्ण की वेशभूषा में डॉ. सुभाष चंद्रा का तिलक लगाकर स्वागत किया. 

डॉ. सुभाष चंद्रा ने बच्चों को जवाहर नवोदय विद्यालय के संस्थापक राजीव गांधी के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों को याद किया. उन्होंने संयुक्त परिवार का महत्व बताते हुए कहा कि हम परिवार के लोगों से जिंदगी के बहुत सारे सबक सीखते हैं जो जिंदगी को आगे बढ़ाने में काफी मदद करते हैं. उन्होंने कहा कि बुराई को खत्म करने वाली शक्ति– महाकाली, धन की शक्ति – महालक्ष्मी, विद्या की शक्ति– मां सरस्वती और हिम्मत और साहस की शक्ति मां दुर्गा हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं. 

छात्र-छात्राओं ने पूछे सवाल 

कक्षा 12वीं की छात्रा कुमारी गुंजन ने सुभाष चंद्रा से प्रश्न पूछा कि हम हर चीज को नियंत्रित कैसे करें. इस पर उन्होंने कहा कि हम समय प्रबंधन कर चीजों को व्यवस्थित कर सकते हैं. कक्षा 12वीं विज्ञान के छात्र मास्टर तकशील यादव ने पूछा कि 17 वर्ष की आयु में आपने अपने परिवार के संघर्षशील चावल व्यापार और कमीशन व्यवसाय में हाथ बंटाने के लिए 10वीं कक्षा की पढ़ाई छोड़ने जैसा कठिन निर्णय लिया. फिर पारंपरिक पारिवारिक व्यापार की सीमाओं से परे संभावनाएं देखने के लिए किस बात ने प्रेरित किया? 2008 और फिर 2018-19 में वैश्विक वित्तीय संकट का जिक्र करते हुए तकशील ने पूर्व सांसद से पूछा कि वे कौन से महत्वपूर्ण कारक थे, जिन्होंने आपको चुनौतियों से निपटने के लिए सक्षम बनाया? आपने वह लचीलापन और दूरदर्शिता कैसे जुटाई जिसने अंततः वैश्विक उद्योग में आपकी बेजोड़ स्थिति को मजबूत किया?

डॉ सुभाष चंद्रा ने कहा कि यह उच्च कोटि का प्रश्न है. तकशील यादव मेरे बारे में बहुत कुछ जानता है और लगता है कि मेरी पूरी किताब पढ़ रखी है. उन्होंने एक उर्दू के शेर कहा कि "नाज हो खुदा, दिल में हो आग रे, तो ऊंचाइयां भी तुम्हें झुककर हाथ दे" यानी अगर मंजिल को पाने की हमारे दिल में आग और लगन हो तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं है. सब कुछ हासिल किया जा सकता है. 

गलतियों को स्वीकार करना चाहिए 

मास्टर अक्षय ने पूछा कि अगर हमसे गलतियां हो तो हमें उनसे क्या सीख लेनी चाहिए. डॉ चंद्रा ने बताया कि अगर हमसे गलती हो तो हमें सत्य के साथ स्वीकार करना चाहिए और वैसी गलती आगे न हो, इसका प्रयास करना चाहिए. कुमारी मुस्कान ने पूछा कि किन संसाधनों के माध्यम से हम आगे बढ़ सकते हैं, इस पर उन्होंने कहा कि हम अपनी शक्ति को पहचाने और लोगों का सहयोग लेकर नए संसाधन बना सकते हैं और वर्तमान संसाधनों की सहायता से भी आगे जा सकते हैं. 

कुमारी खुशी ने पूछा कि किस्मत और मेहनत में से क्या ज्यादा महत्वपूर्ण है तो उन्होंने जवाब दिया कि जब हम हर बात को ध्यान से सुनते हैं या किसी कार्य को ईमानदारी से करते हैं तो किस्मत और मेहनत एक दूसरे से पूरक बनकर आपको आगे बढ़ाते हैं.

कार्यक्रम के अंत में अनूप सिंह ने डॉ. सुभाष चंद्रा को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया. डॉ सुभाष चंद्रा ने विद्यार्थियों को ज़ी मीडिया के स्टूडियो में आने को कहा, ताकि विद्यार्थी पूरी प्रक्रिया को समझ सकें और जीवन में एक नया अनुभव प्राप्त कर सकें.

 

ये भी पढ़ें: Bhiwani Crime: नशेड़ी बेटे ने की मां की हत्या, सिर पर ईंट से किया वार

ये भी पढ़ें: दिल्ली में हमेशा के लिए लग सकता है पटाखों पर प्रतिबंध, SC ने दिए सरकार को निर्देश

 

Read More
{}{}