Jewar Airport: उत्तर प्रदेश के जेवर में बन रहे नोएडा एयरपोर्ट के अधिसूचित क्षेत्र में पक्के निर्माण को लेकर प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं. प्रशासन ने हाल ही में चार गांवों में 50 से अधिक पक्के निर्माणों को चिह्नित किया है और उनके मालिकों को चेतावनी दी है.
डीएम ने चार टीमें की गठितडीएम ने चार टीमें की गठित
जेवर प्रशासन ने डीएम मनीष कुमार वर्मा के आदेश पर चार टीमें गठित की हैं, जो अवैध निर्माणों को रोकने के लिए काम कर रही हैं. इन टीमों ने मुकीमपुर सिवारा, किशोरपुर और रामनेर में जाकर पक्के निर्माण रुकवाए हैं. इसके साथ ही, प्राधिकरण ने धारा-11 के तहत निर्माण को ध्वस्त करने के लिए पत्र भेजा है. एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण के लिए 14 गांवों की 2053 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जानी है. प्रशासन की टीम किसानों से लगातार सहमति ले रही है, क्योंकि इस अधिग्रहण के दायरे में लगभग 42 हजार किसान आएंगे.
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किसानों को मिलेगा मुआवजा
इस प्रक्रिया में साढ़े नौ हजार किसानों को विस्थापित करने की आवश्यकता होगी. प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि विस्थापित किसानों को उचित मुआवजा मिले. खाली जमीन पर तय प्रतिकर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा, जबकि पक्के निर्माण के मामले में किसानों को अतिरिक्त मुआवजा भी मिलेगा. कुछ गांवों में किसान अधिसूचित क्षेत्र की जमीन पर मकान समेत पक्का निर्माण कर रहे हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि किसान समझते हैं कि जब तक उनका निर्माण रहेगा, उन्हें मुआवजा मिलने की संभावना बढ़ जाएगी. प्रशासन ने इस स्थिति को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है.
प्राधिकरण ने पक्के निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए पुलिस से मदद मांगी है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी अवैध निर्माण न हो, प्रशासन की टीम बुधवार को इन गांवों में कार्रवाई करने की तैयारी में है. जेवर में बन रहे नोएडा एयरपोर्ट का निर्माण विकास के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके साथ ही किसानों के लिए यह एक चुनौती भी है. प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अधिसूचित क्षेत्र में बने मकान तोड़े जाएंगे. इस प्रक्रिया में किसानों को उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया गया है.