Mahendragarh News: केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश में स्थापित की जाने वाली एक मात्र IIT महेंद्रगढ़ में स्थापित की जा सकती है. केंद्र सरकार की ओर से उपायुक्त को इसका लेटर भेज दिया गया है. वहीं प्रशासन कीतरफ से जमीन तलाशना भी शुरू हो चुका है. IIT के लिए 300 एकड़ से अधिक पंचायती भूमि की आवश्यकता पड़ेगी, जिले में केवल पाली एवं खुडाना की पंचायत के पास ही इतनी जमीन उपलब्ध है. इसके लिए बुधवार को उपायुक्त विवेक भारती ने गांव पाली, खुडाना के सरपंचों की बैठक ली थी. इस बैठक में BDPO, महेंद्रगढ़ SDM, तहसीलदार तथा पटवारी भी मौजूद रहे. बैठक में दोनों ही गांव के सरपंचों ने उपरोक्त प्रोजेक्ट के लिए अपनी सहमति जता दी है. अब प्रशासन इसका सर्वे करवाकर रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजेगी. अगर IIT यहां स्थापित हो जाती है तो शिक्षा का हब बन जाएंगे महेंद्रगढ़.
महेंद्रगढ़ में क्यों जरूरी है IIT
महेंद्रगढ़ को शिक्षा का हब माना जाता है. यहां से हर साल 100 से अधिक बच्चे IIT और NIT में पढ़ने जाते हैं. यह क्षेत्र प्रदेश का पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है. महेंद्रगढ़ जिला विकास के क्षेत्र में रेवाड़ी, सोनीपत, फरिदाबाद जैसे जिलों से काफी पिछड़ा है. अभी तक यहां रोजगार के अवसर नहीं होने की वजह से यहां के लोग खेती और पशुपालन पर निर्भर है. अगर यहां IIT बन जाती है तो यहां के लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
गांव में ये सुविधाएं
गांव पाली में प्रदेश का एक मात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय है, कोरियावास में मेडिकल कॉलेज है, गांव पाली एवं खुडाना से अच्छी कनेक्टिविटी है, राज्य और नेशनल हाईवे यहां से गुजर रहे हैं, गांव खुडाना में आईएमटी प्रस्तावित है, जिसकी आधारशिला पहले रखी जा चुकी है. पाली से लगभग 8 किलोमीटर और खुडाना से महेंद्रगढ़ शहर लगभग 15 किलोमीटर दूरी पर है. दोनों गांवों के पास पंचायती की खुद की जमीन है. नहरी पानी की पर्याप्त सुविधा है. यह क्षेत्र दिल्ली से मात्र 130 किलोमीटर दूरी पर है. दिल्ली और जयपुर से सीधी रेल कनेक्टिविटी की सुविधा है.
सरपंच देशराज सिंह ने कही ये बात
गांव पाली के सरपंच देशराज सिंह ने बताया कि बुधवार को IIT के लिए उपायुक्त ने अपने कार्यालय में मीटिंग बुलाई थी. इस मीटिंग में उन्होंने गांव में IIT के लिए 300 एकड़ पंचायती भूमि की बात कही तो उसके लिए हम तैयार हो गए.
नरेश कुमार ने कही ये बात
गांव खुडाना के पास काफी जमीन IMT को दिए जाने के बाद भी 1 हजार एकड़ से अधिक जमीन है. यहां सरकार आईआईटी स्थापित करना चाहती है तो हम जमीन देने का तैयार हैं. अगर सरकार आईएमटी स्थापित नहीं कर रही तो उस जमीन पर आईआईटी स्थापित कर दे.
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पूर्व उप जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र सिंह यादव
गांव के पूर्व उप जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र सिंह यादव ने कहा कि अगर IIT किसी क्षेत्र में आती है तो उस क्षेत्र के बच्चों की किस्मत खुल जाती है. वह दूर न जाकर वह अपनी पढ़ाई यहीं पर कर सकते हैं, अपने इनोवेशन यहीं कर सकते हैं. यहां बच्चों को प्रदूषण रहित वातावरण मिलेगा. यहां से हर साल 100 से अधिक बच्चे IIT और NIT में जाते हैं. IIT की सौगात हरियाणा में ऐसे क्षेत्र को मिलने जा रही है जो शिक्षा का हब है, जहां पर किसी प्रकार की कोई डिस्ट्रबेंस नहीं है.
अमित भारद्वाज
अमित भारद्वाज का कहना है कि पाली बड़ा गांव है. इसके पास पंचायत की अपनी जमीन है. सभी चाहते है कि गांव में IIT आए और गांव का विकास हो. IIT से बड़ा प्रोजेक्ट क्या हो सकता है? यहां पर केंद्रीय विश्वविद्यालय, नहरी पानी, रोड, रेल की कनेक्टिविटी है. सरकार से अपेक्षा है कि यह प्रोजेक्ट यहीं स्थापित किया जाएगा.
Input- Pradeep Sharma