Haryana News: भिवानी के पहलादगढ़ निवासी राज सिंह, जो कि पेशे से टाटा 407 का ड्राइवर है, उसको इनकम टैक्स विभाग ने 31.67 करोड़ रुपए का नोटिस भेजा है. इस नोटिस में आरोप लगाया गया है कि उसने एक फर्जी जीएसटी नंबर के माध्यम से वित्तीय लेन-देन किए हैं. राज सिंह का कहना है कि उसने कभी जीएसटी ऑफिस नहीं गया और उसके नाम पर खोला गया खाता भी फर्जी है.
25 मार्च को राज सिंह को भेजे गए नोटिस में लिखा गया है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने जानकारी इकट्ठी की है, जिसमें वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान 31 करोड़ 67 लाख 10 हजार 873 रुपए का कारोबार दर्शाया गया है. नोटिस में यह भी कहा गया है कि राज सिंह ने 2020-21 के लिए अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है. राज सिंह का कहना है कि उसने कभी जीएसटी नंबर के लिए आवेदन नहीं किया. उसने अपने पैन कार्ड और आधार कार्ड का उपयोग कर जीएसटी नंबर लिया जाने का आरोप लगाया है. वह एक दिन में 500 से 1000 रुपए कमाता है और इतनी बड़ी ट्रांजैक्शन संभव नहीं है.
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राज सिंह ने बताया कि उसके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं. उसकी बेटी की शादी हो चुकी है जबकि बेटा अभी पढ़ाई कर रहा है. उसने बैंक से लोन लेकर टाटा 407 खरीदी है और समय पर उसकी किस्तें चुकता करता है. राज सिंह ने इस मामले की शिकायत साइबर क्राइम पुलिस में करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत नहीं ली. पुलिस ने कहा कि पहले नोटिस का जवाब दें, उसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. राज सिंह का आरोप है कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसके पैन कार्ड और आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल किया है. उसने कहा कि दिल्ली के करावल क्षेत्र स्थित राहुल प्लास्टिक शॉप पर रजिस्टर किया गया जीएसटी नंबर फर्जी है. राज सिंह ने स्पष्ट किया कि उसने कभी जीएसटी नंबर के लिए आवेदन नहीं किया.
राज सिंह के लिए यह नोटिस एक बड़ा झटका है. उसने कहा कि उसे इस नोटिस की जानकारी तब हुई जब उसे 25 मार्च को नोटिस मिला. अब उसे 15 अप्रैल तक विभाग को जवाब देना है, अन्यथा कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. राज सिंह ने वकील के माध्यम से नोटिस का जवाब दे दिया है. उसने कहा कि वह इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग कर रहा है ताकि उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच की जा सके. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के फर्जी लेन-देन के मामलों में आम आदमी को फंसाया जा रहा है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में उचित जांच की जाए ताकि असली आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके.