India-Pak Ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच भले ही सीजफायर का समझौता हुआ हो, लेकिन सुरक्षा को लेकर दिल्ली प्रशासन कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहता. इसी सोच के साथ अब दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में फिर से सायरन लगाने की योजना पर काम हो रहा है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में लोगों को समय रहते सतर्क किया जा सके.
दिल्ली के हर जिले में 10-10 सायरन लगाने की योजना पहले से थी, लेकिन सघन आबादी वाले मध्य दिल्ली के लिए विशेष योजना बनाई गई थी. यहां 60 सायरन लगाने की तैयारी है. करोलबाग, कोतवाली और सिविल लाइंस जैसे इलाकों में 20-20 सायरन लगाए जाएंगे, ताकि हर कोने तक इसकी आवाज पहुंचे और कोई भी खतरे से अंजान न रहे. प्रशासन की मानें तो अभी तक सीजफायर के बाद सायरन संबंधी तैयारियों को रोकने का कोई आदेश नहीं आया है, इसलिए पुरानी योजना के अनुसार काम जारी है. जल्द ही एक विशेष बैठक होगी, जिसमें इस योजना की समीक्षा कर अगला फैसला लिया जाएगा.
सायरन की आवाज सभी जगह एक जैसी होगी, जिससे किसी भी तरह की अफवाह या भ्रम की स्थिति न बने. ये सायरन खास तौर पर हवाई हमले जैसी आपात स्थिति के लिए लगाए जा रहे हैं, ताकि खतरे के वक्त कुछ सेकंड पहले ही लोगों को सतर्क किया जा सके और जान-माल की रक्षा की जा सके. सायरन लगाने के लिए अब प्रशासन इंजीनियरों की मदद ले रहा है, ताकि तकनीकी रूप से मजबूत व्यवस्था बनाई जा सके. ऊंची इमारतों, बस स्टैंड, मेट्रो स्टेशनों और सरकारी दफ्तरों के पास सायरन लगाने की योजना है. ये ऐसे स्थान हैं जहां भीड़ होती है और किसी खतरे की स्थिति में वहां त्वरित सतर्कता जरूरी होती है. दक्षिणी दिल्ली में भी इस तरह की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही, सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स की मदद से लोगों के बीच जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा, जिससे हर नागरिक को सायरन की अहमियत और इसका मतलब समझाया जा सके. ये कदम न सिर्फ सुरक्षा की दिशा में एक मजबूत प्रयास है, बल्कि एक भरोसा भी है कि दिल्ली हर खतरे के लिए तैयार है.
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