India Pakistan Tension: रविवार को कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए युद्धविराम समझौते पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका द्वारा घोषित संघर्ष विराम पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया.
वहीं कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहां कि पीएम मोदी को विशेष सत्र बुलाकर देश को बताना चाहिए कि किन परिस्थितियों में सीजफायर स्वीकार किया है. हमारा समझौता होगा और यह हमे हमारे देश से पहले अमेरिका से पता चलेगा. भारतीय सेना ने पाक के दांत खट्टे करने का काम किया है. पाक धूर्त कंट्री हैं. समझौता हुआ उसके बाद उन्होंने भी सीजफायर का उल्लंघन किया.
उन्होंने इस सीजफायर के लिए कहा कि क्या पाकिस्तान ने लिखकर दे दिया कि आतंकवाद के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं करेगा. कांग्रेस सांसद ने कहा कि पाकिस्तान क्या कभी सच बोला है और आज बोलेहा. इसलिए आद इंदिरा गांधी को याद कर रहे हैं, इंदिराजी होती तो इस तरह से नहीं होता. उन्होंने कहा कि कश्मीर हमारा था हमारा रहेगा. शिमला समझौते के अंदर सब कुछ साफ था जो बातचीत होगी हम लोग करेंगे तो क्या अब हमारे फैसला क्या अब इस तरह से होंगे.
बता दें कि कांग्रेस ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका द्वारा घोषित संघर्ष विराम पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया.
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा, लोगों और उनके प्रतिनिधियों के लिए पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और आज के संघर्ष विराम पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है, जिसकी घोषणा सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने की थी. उन्होंने कहा कि यह आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे सामूहिक संकल्प को प्रदर्शित करने का भी अवसर होगा.
ये भी पढ़ें: संघर्ष विराम के बाद क्या बदलेगा पाकिस्तान का रवैया? संदीप दीक्षित ने उठाए अहम सवाल
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी सरकार से कई सवाल पूछे, जिनमें यह भी शामिल है कि क्या नई दिल्ली ने भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के लिए दरवाजे खोल दिए हैं. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में पूछा, क्या नई दिल्ली ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए दरवाजे खोले हैं? क्या पाकिस्तान के साथ राजनयिक चैनल फिर से खोले गए हैं? उनकी टिप्पणी भारत और पाकिस्तान द्वारा चार दिनों तक सीमा पार मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद भूमि, वायु और समुद्र द्वारा सभी सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल रोकने की घोषणा के एक दिन बाद आई है.
युद्ध विराम समझौते की घोषणा पहले वाशिंगटन डीसी से हुई, उसके बाद नई दिल्ली और इस्लामाबाद दोनों ने इसकी पुष्टि की. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के एक बयान का हवाला देते हुए, जिसमें उन्होंने दोनों देशों के बीच बातचीत के लिए एक 'न्यूट्रल साइट' का उल्लेख किया था, रमेश ने पूछा कि क्या यह शिमला समझौते के सिद्धांतों से विचलन का संकेत है, जो भारत-पाकिस्तान मामलों में तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का दृढ़ता से विरोध करता है.
जयराम रमेश ने भारत और पाकिस्तान के बीच बनी सहमति पर दो पूर्व सेना प्रमुखों वीपी मलिक और मनोज नरवणे की कथित टिप्पणियों का हवाला दिया और कहा कि स्थिति प्रधानमंत्री से स्वयं प्रतिक्रिया की मांग करती है.