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Ghaziabad News: दिल्ली-एनसीआर में कार चुराने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, 4 गिरफ्तार

क्राइम ब्रांच ने दिल्ली-एनसीआर में लग्जरी वाहनों की चोरी करने वाले गिरोह को गिरफ्तार कर लिया है. ये गैंग गाड़ियों को चोरी करने के बाद उसके इंजन और चेसिस नबंर में टैम्परिंग कर फर्जी कागज बनवाते थे और उन्हें दूसरे राज्यों में बेच दिया करते थे.   

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Ghaziabad News: दिल्ली-एनसीआर में कार चुराने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, 4 गिरफ्तार
PIYUSH|Updated: Dec 12, 2023, 08:39 PM IST
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Ghaziabad News: गाजियाबाद में क्राइम ब्रांच ने दिल्ली-एनसीआर में लग्जरी वाहनों की चोरी के आरोप में अंतरराज्यीय गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से चोरी की चार गाड़ियां जब्त की हैं. गाड़ियों को चोरी करने के बाद गैंग उनके इंजन और चेसिस नबंर में टैम्परिंग कर फर्जी कागज बनवाते थे और उन्हें दूसरे राज्यों में बेच देते हैं. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बुलन्दशहर निवासी आलम, मेरठ निवासी फजर और जोधपुर निवासी साजिद खान और समीर के रूप में हुई है. आरोपियों के खिलाफ पहले से दिल्ली, गाजियाबाद , नोएडा और तेलंगाना में केस दर्ज है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया गैंग में उनके अलावा गुफरान उर्फ भुल्लन, खालिद, नदीम, सोहेल उर्फ शीला, साजिद व समीर सक्रिय सदस्य हैं. जो दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में लग्जरी गाड़ियों को उनकी मांग के अनुसार चोरी करते हैं. गिरफ्तार साजिद और समीर गाड़ी की डिमांड के बारे में  बताते हैं. उसके बाद गैंग के सदस्य उस गाड़ी की रेकी कर उसे चिह्नित कर लेते हैं. उसके बाद उसे चोरी कर  उसकी नबंर प्लेट चेंज कर देते हैं. साथ ही गाड़ी का जीपीएस निकालकर फेंक देते हैं, ताकि उसे ट्रेस न किया जा सके. बाद में गैंग के सदस्य चोरी की गाड़ी को छुपा देते थे. 

आरोपी नंबर प्लेट कर देते थे चेंज
पूछताछ में पता चला कि आरोपी साजिद और समीर एक्सीडेंटल और टोटल लॉस की गाड़ियों के इंजन और चेसिस नबंर गैंग को भेज देते थे और फिर इसी नंबर का इस्तेमाल कर नई नंबर प्लेट तैयार कर ली जाती थी. गाड़ी तैयार होने के बाद साजिद और समीर आगे की पार्टियों को बेचने के लिए दे देते थे. जो भी फायदा होता था, गैंग उसे बांट लेता था. आरोपियों ने बताया कि वह  4-5 वर्षों से यह काम कर रहे हैं.  

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डील के लिए करते थे वॉट्सऐप पर मैसेज 
आरोपियों ने बताया कि चोरी की गाड़ियों की फर्जी नंबर प्लेट लगाने के बाद पहले से तयशुदा स्थान पर इकठ्ठा हो जाते थे. पुलिस से बचने के लिए वे अपने मोबाइलों को फ्लाइट मोड पर कर लेते थे. उसके बाद गैंग के सभी सदस्य एक दूसरे से वॉट्सऐप के जरिये संपर्क में रहते थे.  आरोपी पहले भी कई बार वाहन चोरी में जेल जा चुके हैं. पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए और चोरी के वाहन बरामद करने का प्रयास कर रही है. 

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