Jhajjar News: पिछले कई दिनों से लगातार हो रही मानसूनी बारिश के कारण झज्जर के गांव चढ़वाना में जलभराव हो गया, जिससे सैकड़ों एकड़ फसल पानी में डूब गई है. किसानों का कहना है कि उनके खेतों में कई फीट गहरा पानी भरा हुआ है और उसकी निकासी का कोई इंतजाम नहीं किया गया है.
गांव के लोगों का कहना है कि हर साल उनकी सैकड़ों एकड़ फसल पानी में डूब जाती है, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देता है. किसान अपने संसाधनों से खेतों से पानी निकालने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि अभी तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी गांव में स्थिति का जायजा लेने नहीं आया है. कई किसानों ने बंटाई पर ली थी कई एकड़ जमीन, जिस पर बुआई के लिए लाखों रुपए खर्च किया गया था. किसानों की मांग है कि सरकार और प्रशासन जल निकासी का स्थाई प्रबंध करें. बर्बाद हुई फसलों की गिरदावरी कराकर सरकार से मुआवजे की मांग की जा रही है.
कई फीट पानी भरने से फसलें हुई खराब
किसानों के ने कहा कि ऐसी स्थिति हर साल हो दजाती है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई स्थाई समाधान नहीं किया जाता है. किसानों ने बाढ़ जैसे हालात के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. गांव चढ़वाना के किसान महेन्द्र सिंह ने बताया कि हर साल बाढ़ की वजह से फसलें खराब हो जाती हैं. प्रशासन ने ट्यूबवेल लगाकर जलस्तर कम करने का वादा किया था, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि नकी 200 एकड़ बाजरा और धान की फसल बरसाती पानी के कारण पूरी तरह बर्बाद हो गई है.
किसानों का छलका दर्द
किसान रोहताश ने बताया कि उसने 25,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से कई एकड़ जमीन बंटाई पर लेकर बुआई की थी, लेकिन भारी बारिश और जलभराव के कारण पूरी फसल बर्बाद हो गई. किसान अमृत ने कहा कि उसने 5.5 एकड़ जमीन बुआई के लिए ली थी, जिसमें धान लगाया गया था. धान की रोपाई पर 15,000 रुपए प्रति एकड़ से अधिक खर्च किया गया, लेकिन अब सारी फसल खराब हो चुकी है. अवतार सिंह ने बताया कि जलभराव के कारण उनकी फसल पूरी तरह डूब गई है. धान की फसल पर उन्होंने 20,000 रुपए प्रति एकड़ से अधिक खर्च किया था, लेकिन अब नुकसान के अलावा कुछ हासिल नहीं हो रहा है.
किसानों की सरकार से मांग
सभी किसानों ने सरकार से मांग की है कि फसलों की गिरदावरी करवाई जाए और उन्हें मुआवजा दिया जाए. साथ ही उन्होंने यह भी मांग की है कि जल निकासी की स्थाई व्यवस्था की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की बर्बादी से बचा जा सके.
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Input- Sumit Tharan