Jhajjar News: समसापुर माजरा के बेटे सचिन ने 9 साल की उम्र में पहलवान योगेश्वर दत्त के अखाड़े में कुश्ती सीखी और देश का नाम रोशन किया. सचिन ने अंडर-15 फ्री स्टाइल कुश्ती एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अपने गांव का गौरव बढ़ाया है. जब वह अपने गांव लौटे, तो गांव में उनका भव्य स्वागत किया गया. सचिन ने किर्गिस्तान में आयोजित इस प्रतियोगिता के 68 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल में उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी मोहम्मद अली को हराकर यह पदक जीता है.
9 साल की उम्र में योगेश्वर दत्त के अखाड़े से की थी शुरुआत
सचिन ने मात्र 9 साल की उम्र में ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त के अखाड़े में कुश्ती की शुरुआत की थी.अंडर-15 फ्री स्टाइल कुश्ती एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर उन्होंने अपने गांव का गौरव बढ़ाया है.
गांव में हुआ भव्य स्वागत
गोल्ड जीतने के बाद सोमवार को सचिन के गांव लौटने पर ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया. लोगों ने उन्हें नोटों की मालाएं पहनाईं और मिठाई खिलाकर इस ऐतिहासिक उपलब्धि का जश्न मनाया.
पिता ओमबीर धनखड़ ने जताया गर्व
सचिन के पिता ओमबीर धनखड़, जो कि एक किसान हैं, ने कहा मैंने सचिन को नौ साल की उम्र में अखाड़े में भेजा था ताकि वह एक अच्छा पहलवान बन सके. आज उसने गांव का नाम ऊंचा कर दिया है.
मां कविता और परिवार की खुशी
सचिन की मां कविता, जो एक गृहिणी हैं, ने भी बेटे की सफलता पर खुशी जाहिर की.उन्होंने कहा 'सचिन ने पूरे गांव का सम्मान बढ़ाया है, हमें उस पर गर्व है.
भाई अमित ने बताया चयन का सफर
सचिन के चचेरे भाई अमित धनखड़ ने बताया कि उनके चाचा ओमबीर की यह इच्छा थी कि सचिन एक बेहतरीन रेसलर बने. सचिन ने पहले 21 जून को आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था, जिसके बाद उनका चयन एशियन चैंपियनशिप के लिए हुआ.
सबसे छोटा और सभी का लाडला
सचिन की तीन बहनें हैं, जिनमें से एक दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद पर कार्यरत हैं. परिवार में सबसे छोटा होने के कारण सचिन सभी का लाडला है.
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ओलंपिक में गोल्ड जीतना अगला लक्ष्य
गोल्ड जीतने के बाद सचिन ने कहा 'मेरा अगला लक्ष्य ओलंपिक में देश के लिए पदक जीतना है. मैं भारत, हरियाणा और अपने गांव का नाम और भी ऊंचा करना चाहता हूं.
Input- Sumit Tharan