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JNU में इलेक्शन कमीशन ऑफिस में तोड़फोड़ और हाथापाई, चुनाव प्रक्रिया पर लगी रोक

JNU Violence : छात्र संघ के अध्यक्ष धनंजय कुमार का आरोप है कि इलेक्शन कमीशन को रिक्वेस्ट कि गयी थी कि नॉमिनेशन का समय आधा घंटा बढ़ाया जाय जिसे इलेक्शन कमीशन ने मान लिया और आधा घंटा नॉमिनेशन नाम वापस लेने का समय बढ़ा दिया.  

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JNU में इलेक्शन कमीशन ऑफिस में तोड़फोड़ और हाथापाई, चुनाव प्रक्रिया पर लगी रोक
JNU में इलेक्शन कमीशन ऑफिस में तोड़फोड़ और हाथापाई, चुनाव प्रक्रिया पर लगी रोक
PUSHPENDER KUMAR|Updated: Apr 19, 2025, 07:47 AM IST
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नई दिल्ली: जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) में एक बार फिर विवाद ने तूल पकड़ लिया है. शुक्रवार दोपहर छात्र संघ चुनाव की तैयारी के दौरान इलेक्शन कमीशन के ऑफिस में जमकर हंगामा हुआ. इस दौरान लेफ्ट और राइट विंग के छात्र आमने-सामने आ गए. आरोप है कि इलेक्शन ऑफिस में तोड़फोड़ की गई और हाथापाई तक की नौबत आ गई. इलेक्शन कमीशन ने स्थिति को देखते हुए फिलहाल चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी है और विश्वविद्यालय प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है. घटना के वक्त मौके पर मौजूद जेएनयू सुरक्षाकर्मी भी छात्रों को काबू में नहीं कर सके. घंटों तक इलेक्शन ऑफिस में बवाल चलता रहा. इस दौरान किसी छात्र को गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन तनावपूर्ण माहौल ने चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर दिया है.

क्या है पूरा मामला
जेएनयू छात्र संघ चुनाव की शुरुआत चीफ इलेक्शन कमीशन के गठन से होती है, जिसे GBM (जनरल बॉडी मीटिंग) के जरिए सभी संगठनों के सदस्य वोट देकर चुनते हैं. इसके बाद यही कमीशन छात्र संघ चुनाव कराता है. शुक्रवार को नामांकन की प्रक्रिया चल रही थी. लेफ्ट विंग के छात्र और मौजूदा छात्र संघ अध्यक्ष धनंजय कुमार का आरोप है कि उन्होंने इलेक्शन कमीशन से नामांकन और नाम वापसी की समयसीमा को 30 मिनट बढ़ाने की अपील की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया. इसी के बाद ABVP के छात्र वहां पहुंचे और हंगामा करने लगे. धनंजय का आरोप है कि ABVP के सदस्यों ने न सिर्फ इलेक्शन कमीशन के अधिकारियों को धमकाया, बल्कि ऑफिस में तोड़फोड़ भी की.

ABVP का पलटवार
वहीं, ABVP के सदस्य राजेश्वर दूबे का कहना है कि इलेक्शन कमीशन लेफ्ट के दबाव में काम कर रहा है और नियमों को ताक पर रखकर फैसले ले रहा है. उन्होंने लेफ्ट समर्थकों पर ही तोड़फोड़ और हंगामे का आरोप लगाया है. दोनों संगठनों ने एक-दूसरे के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखित शिकायत दी है और मांग की है कि निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराया जाए.

इस घटना में आगे क्या होगा
अब जब चुनाव प्रक्रिया पर अस्थायी रोक लग चुकी है, ऐसे में यह देखना होगा कि जेएनयू प्रशासन सुरक्षा और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाता है. प्रेसिडेंशियल डिबेट 23 अप्रैल को मतदान 25 अप्रैल को और नतीजे 28 अप्रैल को आने हैं. फिलहाल, छात्र समुदाय में इस घटना को लेकर तनाव बना हुआ है.

इनपुट- मुकेश सिंह 

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