Kaithal News: निजी स्कूलों की मनमानी बच्चों पर इस कदर हावी है की उनके बैग का वजन बढ़ता जा रहा है. निजी स्कूल वैन प्राइवेट पब्लिशर मिल कर के मनमानी किताबें लगवाते है, जिसकी वजह से बच्चों के स्कूल बैग का वजन बढ़ता जा रहा है, जबकि बच्चों के कंधे झुकते जा रहे हैं. शिक्षा विभाग की नियमावली के अनुसार 10वीं के बच्चे का स्कूल बैग का वजन 5 KG होना चाहिए, लेकिन यहां तो पहली दूसरी क्लास के बच्चों के बैग का वज़न ही 6 से 7 किलो है.
बच्चों के बैग पर पड़ रहा बोझ
रेंडमली निजी स्कूल के बहुत से बच्चों के स्कूल बैग का वजन किया गया, जिसमें पाया गया कि ज्यादातर स्कूल बैग 5 किलोग्राम से अधिक थे और ये स्कूल बैग में 7वीं क्लास से नीचे पढ़ने वाले बच्चों के थे. अगर असलियत में देखें तो उनके बैग का वजन लगभग साढ़े तीन किलो से नीचे होना चाहिए. अभिभावकों ने कहा कि स्कूल बैग की वजह से बच्चों के कंधों पर वजन बढ़ता जा रहा है. जो बच्चे शरीर में कमजोर है. उनके अभिभावक बैग खुद के कंधों पर उठाकर ले जाते हैं. एक अभिभावक ने तो यहां तक कह दिया की बच्चे के बैक का वजन बच्चों से ज्यादा है जबकि बैग का वजन 12 किलोग्राम है.
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निजी स्कूल कर रहे मनमानी
एक बच्चे ने कहा कि कुछ किताबें तो हमें फालतू में लगा रखी है, जिनके पूरे साल किसी प्रकार का कोई पढ़ाई से लेना देना नहीं होता इस वजह से भी बैक के वजन बढ़ रहे है. स्कूल के भारी बैग होने की वजह से बच्चों की ग्रोथ रुक रही है स्कूल तक तो बच्चे ऑटो रिक्शा बस या अन्य साधन से पहुंच जाते है. परंतु स्कूल के प्रांगण में और कक्षा में जाने के लिए कई बार बच्चों को दूसरी से तीसरी मंजिल तक सीढ़ीओं से जाना पड़ता है. स्कूल बैग का इतना वजन होता है कि बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. परंतु निजी स्कूलों की मनमानी के चलते सब बेबस है.
Input- VIPIN SHARMA