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Delhi Liquor Policy: क्या है नई शराब नीति? जिसमें ED ने किया CM केजरीवाल को गिरफ्तार

Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली की AAP सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू की थी, जिसके तहत दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया और हर जोन में 27 शराब की दुकाने खोलने की बात कही गई थी. वहीं इसमें शराब पीने की उम्र को भी 25 साल से कम करके 21 साल कर दिया गया था.  

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Delhi Liquor Policy: क्या है नई शराब नीति? जिसमें ED ने किया CM केजरीवाल को गिरफ्तार
Divya Agnihotri|Updated: Mar 21, 2024, 10:34 PM IST
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Delhi Liquor Policy Case: राजधानी दिल्ली के शराब घोटाला मामले में ED ने CM केजीवाल को गिरफ्तार कर लिया है. शराब घोटाला मामले में ये 16वीं, वहीं AAP के तीसरे दिग्गज नेता की गिरफ्तारी है. इससे पहले दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और सांसद संजय सिंह को शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है. लोकसभा चुनाव से पहले AAP के लिए ये बड़ा झटका है. जानते हैं नई शराब नीति, जिसमें CM केजरीवाल सहित AAP के 3 दिग्गजों की गिरफ्तारी हुई है. 

नई शराब नीति (Delhi Liquor Policy) 
दिल्ली की AAP सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू की थी, जिसके तहत दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया और हर जोन में 27 शराब की दुकान खोलने की बात कही गई थी. इस तरह से से दिल्ली में कुल 864  शराब की दुकाने खोली जानी थी. नई शराब नीति में सरकारी दुकानों की जगह प्राइवेट दुकाने खोले जाने की बात कही गई थी. पुरानी शराब नीति में  60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं, जबकि नई शराब नीति में सभी दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया था. 

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शराब पीने की उम्र की गई कम
नई शराब नीति में शराब पीने की उम्र में भी बदलाव किया गया था. पहले शराब पीने के लिए न्यूनतम आयु 25 साल थी, जिसे कम करके 21 साल कर दिया गया था. 

रात 3 बजे तक दुकान खोलने की अनुमति
नई शराब नीति के अनुसार, राजधानी में होटल, क्लब आदि खोलने का समय रात 3 बजे तक कर दिया गया था. वहीं जिनके पास के 24 घंटे संचालन का लाइसेंस था, उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया. 

लाइसेंस फीस में बढ़ोतरी
नई शराब नीति में लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी गई थी. पहले एल-1 लाइसेंस के लिए 25 लाख रुपये देने होते थे, नई नीति में इसके लिए पांच करोड़ रुपये चुकाने पड़ रहे थे. इसके साथ ही सभी कैटेगिरी के लाइसेंस फीस में इजाफा किया गया था.

3500 करोड़ के फायदे का तर्क
नई शराब नीति को लेकर AAP सरकार ने तर्क दिया था कि इससे दिल्ली सरकार को 3500 करोड़ रुपये का फायदा होगा. 

 

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