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AAP Leader of Opposition: दिल्ली में AAP की नई सियासी चाल, आतिशी बनीं नेता प्रतिपक्ष, क्या BJP के लिए बढ़ेंगी मुश्किलें?

Delhi assembly session: आतिशी के नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद दिल्ली विधानसभा की राजनीति में बदलाव आ सकता है. एक तरफ बीजेपी की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता हैं, जो मजबूत संगठन के समर्थन से सरकार चला रही हैं, तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी अब नए अंदाज में विपक्ष की भूमिका निभाने की तैयारी कर रही है.   

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AAP Leader of Opposition: दिल्ली में AAP की नई सियासी चाल, आतिशी बनीं नेता प्रतिपक्ष, क्या BJP के लिए बढ़ेंगी मुश्किलें?
AAP Leader of Opposition: दिल्ली में AAP की नई सियासी चाल, आतिशी बनीं नेता प्रतिपक्ष, क्या BJP के लिए बढ़ेंगी मुश्किलें?
PUSHPENDER KUMAR|Updated: Feb 23, 2025, 02:21 PM IST
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AAP Leader of Opposition: दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक बड़ा फैसला लिया है. पार्टी की विधायक दल की बैठक में आतिशी को दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चुना गया है. पूर्व मुख्यमंत्री और कालकाजी से विधायक आतिशी अब विधानसभा में विपक्ष की कमान संभालेंगी. AAP की हार के बाद यह पहला बड़ा संगठनात्मक निर्णय है, जिससे पार्टी की आगे की रणनीति का संकेत मिलता है.

आतिशी पर क्यों जताया गया भरोसा?
आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनाव कठिन साबित हुआ. अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज जैसे दिग्गज नेता अपनी सीटें नहीं बचा सके, लेकिन आतिशी ने कालकाजी से जीत दर्ज की. बतौर पूर्व मुख्यमंत्री, उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमताओं को साबित किया था. इसके अलावा, AAP महिला नेतृत्व को मजबूत करने के लिए उन्हें आगे बढ़ा रही है, ताकि भाजपा की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के सामने एक सशक्त विपक्षी चेहरा खड़ा किया जा सके.

विधानसभा में सियासी समीकरण कैसे बदलेंगे?
आतिशी के नेता प्रतिपक्ष बनने के साथ ही दिल्ली विधानसभा में सियासी समीकरण बदल सकते हैं. एक तरफ भाजपा की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता हैं, जो पार्टी के मजबूत संगठनात्मक समर्थन से सत्ता चला रही हैं, तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी अब विपक्ष के रूप में नई रणनीति के साथ आने की तैयारी में है. माना जा रहा है कि आतिशी शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाएंगी, जो AAP की पारंपरिक राजनीति के केंद्र में रहे हैं.

AAP की हार के बाद क्या बदलेगी रणनीति?
चुनाव में हार के बाद आम आदमी पार्टी अब आत्ममंथन कर रही है. पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने कहा कि संगठन को नए सिरे से खड़ा किया जाएगा और जमीनी स्तर पर मजबूती देने के लिए पुनर्गठन किया जाएगा. लोकसभा, विधानसभा, जिला और वार्ड स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं की भूमिका का मूल्यांकन किया जा रहा है, ताकि कमजोरियों को दूर किया जा सके.

भविष्य की राजनीति में आतिशी की भूमिका
नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद आतिशी की राजनीतिक भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी. AAP की रणनीति भाजपा की सरकार को लगातार घेरने और अपनी खोई हुई सियासी जमीन वापस पाने की होगी. यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या AAP अगले चुनाव तक एक मजबूत विपक्ष के रूप में खड़ी रह पाएगी या फिर भाजपा अपनी पकड़ और मजबूत कर लेगी. दिल्ली की राजनीति में आने वाले समय में कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं.

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