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Delhi Election 2025 : अमानतुल्लाह खान का दावा, ओवैसी BJP को लाभ पहुंचाने के लिए लड़ रहे हैं चुनाव

Amanatullah Khan VS Asaduddin Owaisi: ओखला का चुनाव इस बार सिर्फ एक सीट का नहीं, बल्कि दिल्ली और देश की मुस्लिम राजनीति का भी भविष्य तय करेगा. अमानतुल्लाह खान ने असदुद्दीन ओवैसी पर आरोप लगाया है कि ये मुसलमानों की वोट को बांटने और भाजपा को फायदा पहुंचाने के मकसद से आए हैं.

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Delhi Election 2025 : अमानतुल्लाह खान का दावा, ओवैसी BJP को लाभ पहुंचाने के लिए लड़ रहे हैं चुनाव
Delhi Election 2025 : अमानतुल्लाह खान का दावा, ओवैसी BJP को लाभ पहुंचाने के लिए लड़ रहे हैं चुनाव
PUSHPENDER KUMAR|Updated: Jan 26, 2025, 02:20 PM IST
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Okhla Assembly Constituency: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, ओखला सीट पर सियासी गर्मी बढ़ती जा रही है. आम आदमी पार्टी (AAP) के मौजूदा विधायक अमानतुल्लाह खान और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बीच आरोप-प्रत्यारोप की सियासत तेज हो गई है. ओखला सीट जो मुस्लिम बहुल क्षेत्र है अब इन दोनों नेताओं के बीच गहरी राजनीतिक जंग का मैदान बन गई है.

अमानतुल्लाह का ओवैसी पर निशाना
AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने हाल ही में एक जनसभा के दौरान असदुद्दीन ओवैसी पर कड़े आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी यहां मुसलमानों की वोट को बांटने और भाजपा को फायदा पहुंचाने के मकसद से आए हैं. यह आपका हमदर्द नहीं है. अमानतुल्लाह ने दावा किया कि उन्होंने ओखला की जनता के लिए जेल तक का सामना किया, लेकिन कभी अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटे. उन्होंने सवाल उठाया कि दिल्ली दंगों के दौरान ओवैसी कहां थे? मैं हमेशा आपकी लड़ाई लड़ता रहा हूं, लेकिन आज ओवैसी यहां आकर आपके वोट को बांटने और भाजपा के हाथों में देने की साजिश कर रहे हैं.

ओखला सीट का महत्व
ओखला सीट न केवल दिल्ली की राजनीति में बल्कि पूरे देश की मुस्लिम राजनीति में एक अहम स्थान रखती है. यहां के मतदाताओं का रुख न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय राजनीति को भी प्रभावित करता है. यही वजह है कि असदुद्दीन ओवैसी ने इस सीट पर अपनी पार्टी का उम्मीदवार उतारा है. AAP को डर है कि AIMIM के आने से मुस्लिम वोटों में विभाजन होगा, जिससे भाजपा को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल सकता है. ओखला के मतदाता अब असमंजस में हैं कि वे लंबे समय से उनकी सेवा करने वाले अमानतुल्लाह खान को चुनें या ओवैसी के नेतृत्व वाली AIMIM को एक मौका दें.

अमानतुल्लाह का कुर्बानी कार्ड
अमानतुल्लाह ने अपने काम और कुर्बानी का जिक्र करते हुए भावुक अपील की. उन्होंने कहा कि मैंने अपने लिए कुछ नहीं किया. आपके लिए जेल गया, 41 मुकदमों का सामना किया. हर दिन कोर्ट के चक्कर लगाए, लेकिन कभी शिकायत नहीं की. उन्होंने कहा कि जब भी वह मुश्किल में होते हैं, जनता की मस्जिदों में की गई दुआएं उन्हें हौसला देती हैं. उन्होंने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि आपको सोचना होगा कि कौन आपका सच्चा हमदर्द है. मैंने आपके लिए सब कुछ दांव पर लगाया है. क्या ओवैसी ने कभी आपकी समस्याओं के लिए आवाज उठाई?.

ओवैसी का पलटवार
दूसरी ओर असदुद्दीन ओवैसी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी पार्टी भाजपा के खिलाफ लड़ने के लिए मैदान में उतरी है. उन्होंने कहा कि हम यहां आपके अधिकारों की लड़ाई लड़ने आए हैं न कि किसी को फायदा पहुंचाने. हमारा मकसद समाज के हाशिए पर खड़े लोगों की आवाज बनना है. ओवैसी ने यह भी कहा कि AAP अपने कामों के बजाय भावनात्मक अपीलों का सहारा ले रही है. उन्होंने कहा कि हम चुनावी मैदान में हैं, क्योंकि हम समझते हैं कि मुस्लिम समुदाय को एक मजबूत और स्वतंत्र राजनीतिक प्रतिनिधित्व की जरूरत है.

चुनाव में बढ़ता तनाव
जैसे-जैसे चुनाव की तारीख करीब आ रही है, ओखला में राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है. AAP और AIMIM दोनों ही अपने-अपने दावों को मजबूत करने में जुटी हैं. अमानतुल्लाह खान जहां अपनी सेवाओं और कुर्बानी को गिना रहे हैं, वहीं ओवैसी मुस्लिम समुदाय को एक नई राजनीतिक दिशा देने की बात कर रहे हैं. इस बीच, भाजपा और कांग्रेस भी इस क्षेत्र में अपने लिए जगह बनाने की कोशिश कर रही हैं. भाजपा का दावा है कि वह क्षेत्र के सभी समुदायों के लिए विकास का एजेंडा लेकर आई है, जबकि कांग्रेस पुराने दिनों को याद कर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है.

मुस्लिम वोटों में बंटवारे का खतरा
इस चुनाव में सबसे बड़ा सवाल यह है कि मुस्लिम वोटों का बंटवारा होगा या नहीं. अगर वोट बांटते हैं, तो इसका सीधा फायदा भाजपा को हो सकता है. ऐसे में AAP और AIMIM दोनों के लिए यह जरूरी हो गया है कि वे मतदाताओं को यह भरोसा दिलाएं कि वे उनके सच्चे प्रतिनिधि हैं.

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