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देश में अब तक किस पार्टी की महिला बनी सबसे ज्यादा CM? किसका कार्यकाल रहा सबसे प्रभावी?

Congress vs BJP: देश में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी लगातार बढ़ रही है, जिससे यह साफ होता है कि आने वाले समय में और भी महिलाएं राज्यों की सत्ता संभाल सकती हैं. भाजपा और कांग्रेस, दोनों पार्टियां महिलाओं को आगे लाने की कोशिश कर रही हैं.  

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देश में अब तक किस पार्टी की महिला बनी सबसे ज्यादा CM? किसका कार्यकाल रहा सबसे प्रभावी?
देश में अब तक किस पार्टी की महिला बनी सबसे ज्यादा CM? किसका कार्यकाल रहा सबसे प्रभावी?
PUSHPENDER KUMAR|Updated: Feb 20, 2025, 06:48 AM IST
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Delhi CM Rekha Gupta: भारतीय राजनीति में महिलाओं की भूमिका लगातार बढ़ रही है. हाल ही में दिल्ली की सत्ता में रेखा गुप्ता के उभरने से यह साफ हो गया कि अब महिलाएं केवल निर्णायक मतदाता ही नहीं, बल्कि सत्ता संचालन में भी अहम भूमिका निभा रही हैं. दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रहीं रेखा गुप्ता का सफर छात्र राजनीति से शुरू होकर शीर्ष तक पहुंचा है. इससे पहले शीला दीक्षित, सुषमा स्वराज और आतिशी भी दिल्ली की कमान संभाल चुकी हैं. लेकिन महिला नेतृत्व की बात केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है. विभिन्न राज्यों में अब तक कई महिलाएं मुख्यमंत्री बन चुकी हैं. इनमें कुछ ने लंबे समय तक शासन किया और अपनी सशक्त पहचान बनाई, जबकि कुछ का कार्यकाल अपेक्षाकृत छोटा रहा.

महिला मुख्यमंत्री: लंबा कार्यकाल और प्रभावशाली नेतृत्व
अगर सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाली महिलाओं की बात करें तो कांग्रेस की शीला दीक्षित का नाम सबसे ऊपर आता है, जिन्होंने दिल्ली में 15 साल और 25 दिन तक शासन किया. उनके बाद एआईएडीएमके की जयललिता 14 साल और 124 दिन के कार्यकाल के साथ दूसरे नंबर पर हैं. ममता बनर्जी 13 साल और 275 दिन से सत्ता में बनी हुई हैं और तीसरे स्थान पर हैं. भाजपा की ओर से वसुंधरा राजे ने 10 साल और 9 दिन राजस्थान में शासन किया, जो महिला मुख्यमंत्रियों की सूची में चौथा सबसे लंबा कार्यकाल है. इनके अलावा, राबड़ी देवी और मायावती का नाम भी लंबे समय तक सत्ता संभालने वाली महिला मुख्यमंत्रियों में शामिल है.

 
 नाम
 पार्टी  प्रदेश  कार्यकाल
सईदा अनवरा तैमूर कांग्रेस असम 6 दिसंबर 1980 - 30 जून 1981
शीला दीक्षित
कांग्रेस
दिल्ली 3 दिसंबर 1998 - 28 दिसंबर 2013
सुचेता कृपलानी
कांग्रेस उत्तर प्रदेश 2 अक्टूबर 1963 - 13 मार्च 1967
नंदिनी सत्पथी
कांग्रेस ओडिशा 14 जून 1972 - 16 दिसंबर 1976
राजिंदर कौर भट्टल
कांग्रेस पंजाब 21 नवंबर 1996 - 12 फरवरी 1997
सुषमा स्वराज
भाजपा
दिल्ली
12 अक्टूबर 1998 - 3 दिसंबर 1998
उमा भारती
भाजपा
मध्य प्रदेश
8 दिसंबर 2003 - 23 अगस्त 2004
वसुंधरा राजे
भाजपा
राजस्थान

8 दिसंबर 2003 - 13 दिसंबर 2008

13 दिसंबर 2013 - 17 दिसंबर 2018

आनंदीबेन पटेल
भाजपा गुजरात 22 मई 2014 - 7 अगस्त 2016
रेखा गुप्ता
भाजपा
दिल्ली
20 फरवरी 2025 को शपथ ग्रहण

भाजपा बनाम कांग्रेस: महिला नेतृत्व का तुलनात्मक विश्लेषण
कांग्रेस ने देश के विभिन्न राज्यों में कई महिला मुख्यमंत्रियों को आगे बढ़ाया. इसमें शीला दीक्षित, सुषिता कृपलानी, नंदिनी सत्पथी, शशिकला कक्कड़, दीपा दासमुंशी और आनंदीबेन पटेल का नाम शामिल है. भाजपा ने भी महिला नेताओं को सत्ता में लाने का प्रयास किया है. वसुंधरा राजे (राजस्थान), सुषमा स्वराज (दिल्ली), आनंदीबेन पटेल (गुजरात) और अब रेखा गुप्ता (दिल्ली) इसका उदाहरण हैं. हालांकि, भाजपा की तुलना में कांग्रेस ने अब तक अधिक महिला मुख्यमंत्रियों को नेतृत्व का अवसर दिया है.

भविष्य में महिला नेतृत्व की संभावनाएं
देश में महिलाओं की बढ़ती राजनीतिक भागीदारी यह दर्शाती है कि आने वाले समय में कई और महिला नेता राज्यों की सत्ता संभाल सकती हैं. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां महिलाओं को अधिक अवसर देने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं. लेकिन सवाल यह है कि क्या महिला नेतृत्व को केवल एक प्रतीकात्मक कदम तक सीमित रखा जाएगा या उन्हें निर्णायक भूमिकाओं में अधिक स्वतंत्रता मिलेगी. आने वाले चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों प्रमुख दल महिलाओं को कितनी अहमियत देते हैं और क्या वास्तव में भारतीय राजनीति में महिला नेतृत्व को नई ऊंचाइयां मिलती हैं.

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