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Delhi Assembly Election Results 2025: 0,0,0,0,0 दिल्ली में कांग्रेस का एक बार फिर सूपड़ा साफ, मुकाबले में दिखी ही नहीं तो जीतेगी कैसे?

Delhi Election Result: अरविंद केजरीवाल पिछले 10 साल से आम आदमी पार्टी को जिसके दम पर राज कराते आ रहे थे तो इसके पीछे कांग्रेस का वोट बैंक है, जो 2015 में छिटककर AAP के पास चला गया था. भाजपा को सत्ता से दूर करने के लिए कांग्रेस किसी भी हद तक जा सकती है. वह अपने पैर में कुल्हाड़ी भी मार सकती है. इसका जीता जागता नमूना दिल्ली है.

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Delhi Assembly Election Results 2025: 0,0,0,0,0 दिल्ली में कांग्रेस का एक बार फिर सूपड़ा साफ, मुकाबले में दिखी ही नहीं तो जीतेगी कैसे?
Vipul Chaturvedi|Updated: Feb 08, 2025, 12:04 PM IST
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Delhi Election result: दिल्ली में कांग्रेस एक बार फिर 0 की ओर जा रही है. यह लगातार 5वीं बार है कि कांग्रेस 0 सीटों पर जीतने वाली है! हास्यास्पद लेकिन यह बात है सोलह आने सच. सिलसिला 2015 से शुरू होता है. 2015 के विधानसभा चुनाव में 0, 2019 के लोकसभा चुनाव में 0, 2020 के विधानसभा चुनाव में 0, 2024 के लोकसभा चुनाव में 0 और अब 2025 के विधानसभा चुनाव में भी 0, तो कुल मिलाकर कांग्रेस के पास अब 5 जीरो हो चुके हैं. अब समझिए, इसका मतलब क्या है?

2013 से कांग्रेस ने दिल्ली में अपने पैर में कुल्हाड़ी मारनी शुरू कर दी थी. तब कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को इसलिए समर्थन दे दिया था कि भाजपा सरकार न बना पाए. आम आदमी पार्टी कुछ महीनों के लिए सत्ता में आई और कांग्रेस का बना बनाया घर उजाड़ दिया. आज अरविंद केजरीवाल पिछले 10 साल से आम आदमी पार्टी को जिसके दम पर राज कराते आ रहे थे तो इसके पीछे कांग्रेस का वोट बैंक है, जो 2015 में छिटककर आम आदमी पार्टी के पास चला गया था. भाजपा को सत्ता से दूर करने के लिए कांग्रेस किसी भी हद तक जा सकती है. वह अपने पैर में कुल्हाड़ी भी मार सकती है. इसका जीता जागता नमूना दिल्ली है. न विधानसभा और न ही लोकसभा चुनाव, कांग्रेस कहीं कोई उम्मीद जगाती नजर नहीं आ रही है. संदीप दीक्षित अच्छे से चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने सपोर्ट ही नहीं किया और वो भी हारते दिख रहे हैं.

इस बार पूरे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पूरी तरह कन्फ्यूज नजर आई कि वह लड़े कि नहीं, लड़े तो किससे लड़े. रैली करे कि नहीं, रैली करे तो कहां करे. जब भी कुछ करती दिखाई दे रही थी तब इंडिया ब्लॉक से बाहर होने की धमकी याद आ जाती थी. इसके अलावा इंडिया ब्लॉक के सहयोगी दलों का अंदरूनी दबाव भी कांग्रेस को कुछ करने नहीं दे रहा था.

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