Delhi Politics: दिल्ली की सियासत में इन दिनों एक बड़ा सवाल चर्चा में है. क्या बीजेपी बिना डिप्टी सीएम के सरकार चलाएगी? विधानसभा चुनावों में 48 सीटें जीतकर 26 साल बाद सत्ता में लौटी बीजेपी अब नई सरकार के स्वरूप को अंतिम रूप देने में जुटी है. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के भीतर इस बात पर गहन मंथन चल रहा है कि क्या राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर यहां भी उपमुख्यमंत्री बनाया जाए या नहीं. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने इशारा दिया है कि दिल्ली में डिप्टी सीएम नहीं बनाया जाएगा.
पीएम मोदी की हरी झंडी का इंतजार
पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस फैसले पर अंतिम मुहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्रा से लौटने के बाद लगेगी. अमेरिका दौरे पर गए पीएम मोदी की वापसी के बाद शीर्ष नेतृत्व उनसे इस मुद्दे पर चर्चा करेगा. फिलहाल, दिल्ली में मुख्यमंत्री के नाम और कैबिनेट गठन को लेकर भी गहमागहमी तेज है.
सामाजिक समीकरण और रणनीति
बीजेपी की रणनीति इस बार सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन साधने पर केंद्रित है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि उपमुख्यमंत्री की नियुक्ति से एक विशेष वर्ग को ही संदेश जाएगा, जबकि बिना डिप्टी सीएम के पार्टी समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चल सकती है.
आप सरकार की नीतियों पर फोकस
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी की प्राथमिकता अब आप सरकार की नीतियों की समीक्षा करना और सुधार लाना होगा. पिछले वर्षों में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुई गड़बड़ियों की जांच भी प्राथमिकता पर रहेगी.
जनता की उम्मीदें और चुनौतियां
26 साल बाद सत्ता में लौटी बीजेपी के सामने जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की चुनौती है. विकास कार्यों में तेजी लाना, ट्रैफिक समस्या को सुलझाना और प्रदूषण नियंत्रण जैसे मुद्दों पर फोकस करना पार्टी की प्राथमिकता होगी. अब सबकी नजरें पीएम मोदी की वापसी और बीजेपी की अंतिम घोषणा पर टिकी हैं. क्या दिल्ली की राजनीति एक नई राह पर चलेगी या पुराने समीकरण कायम रहेंगे, इसका जवाब जल्द ही सामने आएगा.
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