trendingNow/india/delhi-ncr-haryana/delhiHaryana02621502
Home >>लोकतंत्र

Delhi Election 2025: चुनाव में कुछ दिन शेष है जज साहब...बेल दे दें, मुस्तफाबाद की जनता को है मेरा इंतजार

Delhi Assembly Election 2025: ताहिर हुसैन ने अपनी याचिका में कहा कि वे मुस्तफाबाद सीट से AIMIM के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और प्रचार के लिए उन्हें अंतरिम जमानत दी जाए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए सवाल किया कि क्या सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए किसी आरोपी को जमानत दी जा सकती है.

Advertisement
Delhi Election 2025: चुनाव में कुछ दिन शेष है जज साहब...बेल दे दें, मुस्तफाबाद की जनता को है मेरा इंतजार
Delhi Election 2025: चुनाव में कुछ दिन शेष है जज साहब...बेल दे दें, मुस्तफाबाद की जनता को है मेरा इंतजार
Zee News Desk|Updated: Jan 29, 2025, 07:18 AM IST
Share

Tahir Hussain Bail Plea: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका ने राजनीतिक हलचल मचा दी है. 2020 दिल्ली दंगों के आरोपी हुसैन ने चुनाव प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत की मांग की है, लेकिन केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस इसके सख्त खिलाफ हैं. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर जबरदस्त बहस छिड़ी हुई है, जहां अदालत को यह तय करना है कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान आरोपी को राहत दी जाए या नहीं.

क्या चुनाव लड़ने का अधिकार जमानत से ऊपर है?
ताहिर हुसैन ने अपनी याचिका में कहा कि वे मुस्तफाबाद सीट से AIMIM के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और प्रचार के लिए उन्हें अंतरिम जमानत दी जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए पूछा कि क्या चुनाव लड़ना किसी आरोपी को स्वचालित रूप से जमानत देने का आधार बन सकता है. जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने कहा कि अगर हर आरोपी चुनाव प्रचार के लिए जमानत मांगे, तो यह न्याय प्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती होगी.

सुरक्षा व्यवस्था पर असर
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) एस.वी. राजू ने जोर देकर कहा कि ताहिर हुसैन पर गंभीर आरोप हैं, जिनमें आईबी अधिकारी की हत्या और सांप्रदायिक दंगे भड़काने के मामले शामिल हैं. उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में जमानत दी जाती है, तो अन्य आरोपी भी इसी आधार पर राहत मांगेंगे. इससे कानून व्यवस्था प्रभावित होगी और चुनावी प्रक्रिया पर भी असर पड़ेगा.

सुप्रीम कोर्ट की शर्त, होटल में रहेंगे और घर नहीं जाएंगे?
सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन के वकील ने कहा कि अगर अदालत अंतरिम जमानत देती है, तो वे अपने घर नहीं जाएंगे, बल्कि होटल में रहकर चुनाव प्रचार करेंगे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह की शर्तें कितनी व्यावहारिक होंगी, यह देखना जरूरी है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि क्या ऐसी स्थिति में सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम करने होंगे और इसका प्रशासन पर कितना प्रभाव पड़ेगा.

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं चुनावी मुद्दा बना मामला
बीजेपी ने इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी और विपक्ष पर तीखा हमला बोला है. पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि केजरीवाल की पार्टी के नेता दंगों में शामिल रहे हैं और अब वही लोग चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. क्या यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत नहीं है. दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया और कहा कि चुनाव लड़ना हर नागरिक का अधिकार है, जिसे छीना नहीं जाना चाहिए.

क्या होगा फैसला?
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को दोपहर 2 बजे तक जवाब देने को कहा है. अब सवाल यह है कि अदालत चुनाव प्रचार के अधिकार को प्राथमिकता देगी या कानून-व्यवस्था को देखते हुए जमानत याचिका खारिज करेगी? यह फैसला दिल्ली चुनाव से पहले एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है.

ये भी पढ़िए- Delhi Election 2025: अमित शाह का बड़ा दावा, क्या केजरीवाल और आतिशी की हार तय है?

Read More
{}{}