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Delhi Election 2025: घर-घर मतदान शुरू, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए पोस्टल बैलेट की पहल

Delhi Assembly Election 2025: राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस बार कई सीटों पर तीन पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. हालांकि, मुख्य मुकाबला भाजपा और आप के बीच होने की संभावना है. वहीं, कांग्रेस भी कुछ सीटों पर चौंकाने वाला प्रदर्शन कर सकती है.  

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Delhi Election 2025: घर-घर मतदान शुरू, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए पोस्टल बैलेट की पहल
Delhi Election 2025: घर-घर मतदान शुरू, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए पोस्टल बैलेट की पहल
PUSHPENDER KUMAR|Updated: Jan 25, 2025, 09:55 AM IST
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Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल गर्म हो चुका है और चुनाव आयोग ने इस बार लोकतंत्र को और अधिक समावेशी बनाने के लिए एक नई पहल शुरू की है. 24 जनवरी से दिल्ली में 85 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग नागरिकों के लिए घर बैठे मतदान की सुविधा शुरू हो गई है. यह कदम न केवल इन वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि लोकतंत्र हर नागरिक को समान रूप से महत्व देता है.

घर-घर जाकर मतदान की प्रक्रिया
इस विशेष पहल के तहत चुनाव आयोग के अधिकारी उन नागरिकों के घर-घर जाकर पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान करवा रहे हैं, जिन्होंने 15 जनवरी तक इसके लिए आवेदन किया था. चुनाव आयोग ने बताया कि 85 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 1 लाख 10 हजार वोटर और 80 हजार दिव्यांग वोटरों में से कई ने इस सुविधा का लाभ उठाने की इच्छा व्यक्त की थी. अब तक आयोग को 6400 बुजुर्गों और 1000 दिव्यांग वोटरों के आवेदन मिले हैं.

दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के जनकपुरी क्षेत्र में इस अभियान की शुरुआत हुई. जिला चुनाव अधिकारी किन्नी सिंह ने व्यक्तिगत रूप से बुजुर्गों और दिव्यांगों के मतदान की प्रक्रिया में भाग लिया. उन्होंने कहा कि यह प्रयास बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाने का है. उनकी सुविधा का ध्यान रखना हमारी प्राथमिकता है।" चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए वीडियोग्राफी भी अनिवार्य की है.

राजनीतिक पार्टियों की रणनीति
दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फरवरी को मतदान होना है और 8 फरवरी को नतीजे आएंगे. आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने अपने-अपने एजेंडा के साथ जनता के बीच जोरदार प्रचार शुरू कर दिया है. आम आदमी पार्टी (आप) अपने विकास कार्यों, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए सुधारों को केंद्र में रख रही है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार रैलियों में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं. भाजपा, इस बार "डबल इंजन सरकार" के वादे के साथ जनता को रिझाने की कोशिश कर रही है. पार्टी ने दिल्ली के लिए एक विस्तृत विजन पेश किया है और घर-घर प्रचार अभियान तेज कर दिया है. कांग्रेस, जो पिछले कुछ चुनावों में कमजोर रही है, इस बार नए चेहरों और मुद्दों के साथ वापसी की कोशिश में है. पार्टी ने चुनावी मैदान में कई अनुभवी और युवा नेताओं को उतारा है.

त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है. हालांकि, मुख्य टकराव भाजपा और आप के बीच होने की उम्मीद है. कांग्रेस भी कई सीटों पर अप्रत्याशित प्रदर्शन कर सकती है.

समावेशी लोकतंत्र की ओर कदम
बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए शुरू की गई यह पहल न केवल लोकतंत्र को मजबूत बनाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि चुनाव प्रक्रिया अब अधिक समावेशी और आधुनिक हो रही है. यह प्रयास अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है.

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