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Haryana: किरण चौधरी का विधायकी नहीं छोड़ने का फैसला BJP के लिए संजीवनी, फ्लोर टेस्ट और राज्यसभा इलेक्शन दोनों में फायदा

Haryana Political News: किरण चौधरी के तोशाम विधायक पद से इस्तीफा नहीं देने का फायदा BJP को फ्लोर टेस्ट के दौरान मिलेगा.अगर मानसून सत्र के दौरान विश्वास मत हासिल करने के लिए फ्लोर टेस्ट भी कराया जाता है तो  विधानसभा में भाजपा बहुमत में दिखेगी.

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Haryana: किरण चौधरी का विधायकी नहीं छोड़ने का फैसला BJP के लिए संजीवनी, फ्लोर टेस्ट और राज्यसभा इलेक्शन दोनों में फायदा
Divya Agnihotri|Updated: Jun 20, 2024, 09:12 AM IST
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Haryana News: विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है. बुधवार को तोशाम विधानसभा सीट से विधायक किरण चौधरी ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद BJP का दामन थाम लिया. किरण चौधरी बेटी के साथ केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और CM नायब सैनी की मौजूदगी में BJP में शामिल हुईं. वहीं अब खबर सामने आ रही है कि वो तोशाम विधायक के पद से इस्तीफा नहीं देंगी. किरण चौधरी के इस फैसले को कांगेस के फ्लोर टेस्ट की मांग से जोड़कर देखा जा रहा है. 

क्या है पूरा मामला
BJP-JJP के बीच गठबंधन टूटने के बाद भाजपा ने निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार बना ली, लेकिन अब 90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में बहुमत के आंकड़े में भी बड़ा बदलाव हुआ है. हरियाणा में 90 की जगह केवल 87 विधायक ही बचे हैं. दरअसल, सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला ने इस्तीफा दे दिया है. वहीं बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद का निधन हो गया और अंबाला लोकसभा सीट की मुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी ने अंबाला लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर ली है. ऐसे में अब विधानसभा में कुल 87 विधायक ही बचे हैं, जिसकी वजह से बहुमत का आंकड़ा 46 से कम होकर 44 हो गया है.

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निर्दलीय विधायकों ने छोड़ा साथ
JJP के अलग होने के बाद BJP के पास 41 विधायक बचें, 5 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक के साथ मिलकर सरकार बना ली. लोकसभा चुनाव के दौरान BJP को सपोर्ट करने वाले 3 निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, सोमवीर सांगवान और धर्मवीर गोंदर ने कांग्रेस का दामन थाम लिया, जिसके बाद हरियाणा सरकार अल्पमत में आ गई. कांग्रेस द्वारा लगातार सरकार के अल्पमत में होने की वजह से भी फ्लोर टेस्ट की मांग की जा रही थी. आज कांग्रेस विधायकों का प्रतिनिधिमंडल फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर राज्यपाल से मुलाकात करेगा. ऐसे में किरण चौधरी के BJP में शामिल होने से भाजपा को फायदा मिलता दिख रहा है. 

BJP की प्लानिंग
किरण चौधरी के तोशाम विधायक पद से इस्तीफा नहीं देने का फायदा BJP को फ्लोर टेस्ट के दौरान मिलेगा.अगर मानसून सत्र के दौरान विश्वास मत हासिल करने के लिए फ्लोर टेस्ट भी कराया जाता है तो  विधानसभा में भाजपा बहुमत में दिखेगी. वहीं दूसरी तरफ BJP द्वारा राज्यसभा सीट के लिए किरण या श्रुति में से किसी को उम्मीदवार बना सकती है. हालांकि, इसे लेकर अभी तक कोई अधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है. 

 

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