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Mahendragarh: गोद लिए बसई गांव में 'विकास' हुआ पर नहीं मिला कोई लाभ, सांसद पर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

Mahendragarh News: ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बसई गांव में सरकारी खजाने का दुरुपयोग किया गया. जन सुविधाओं से जुड़ी जो बिल्डिंग बनाई गईं, वो कभी इस्तेमाल में नहीं लाई गईं और अब जर्जर हो चुकी हैं. 

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Mahendragarh: गोद लिए बसई गांव में 'विकास' हुआ पर नहीं मिला कोई लाभ, सांसद पर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा
Zee Media Bureau|Updated: Mar 14, 2024, 04:23 PM IST
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Mahendragarh News: हरियाणा की 6 लोकसभा सीटों पर BJP ने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. BJP ने भिवानी महेंद्रगढ़ सीट से एक बार फिर सांसद धर्मबीर चौधरी पर भरोसा जताया है. धर्मबीर चौधरी को दूसरी बार उम्मीदवार बनाए जाने के बाद गांव बसई के लोगों ने उनके पिछले कामों को लेकर नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि पिछले 5 साल में यहां जमीनी स्तर पर कोई भी विकास कार्य नहीं किया गया है. लगे हाथ ग्रामीणों ने चुनाव का विरोध बात भी कही है. 

दरअसल, सांसद धर्मबीर चौधरी ने साल 2019 में महेंद्रगढ़ जिले के गांव बसई को गोद लिया था. गांवों को गोद लेने के पीछे सरकार का उद्देश्य ये था कि इन गांवों में जमीनी स्तर पर मूलभूत सुविधाओं से जुड़े विकास कार्य कराए जाएं, लेकिन पिछले 5 साल में बसई की हालत में कोई सुधार नहीं आया.
 
पंचायत घर बन गया पर नहीं किया गया हैंडओवर 
गांव में विकास कार्यों का जायजा लेने के लिए जब ज़ी मीडिया की टीम वहां पहुंची तो ग्रामीणों ने विकास कार्यों की असल तस्वीर दिखाई. उन्होंने बताया कि 4 साल पहले सांसद द्वारा गांव में पंचायत घर बनवाया गया था, लेकिन आज तक उसे ग्राम पंचायत को हैंडओवर नहीं किया गया. यहां अब लोगों ने गोबर, कूड़ा डालकर कब्जा कर लिया है. बिल्डिंग बिना प्रयोग में आए ही जर्जर होने लगी है. तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि यहां किस तरह से सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया गया है. गांव वालों का कहना है कि ये समस्या सिर्फ पंचायत भवन की नहीं है. बल्कि यहां बनाए गए आंगनबाड़ी केंद्र की भी है, जो बनने के बाद से बंद पड़ा है. सरकारी पैसे का दुरुपयोग हो रहा है. आंगनबाड़ी केंद्र के चारों तरफ गंदा पानी जमा है. कीचड़ के अंदर यह आंगनबाड़ी केंद्र बना है और यही वजह है कि इसको प्रयोग में नहीं लाया गया.  

 

ग्रामीण बोले, सरकारी खजाने का हुआ दुरुपयोग
प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए गांव-गांव में आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और उप केंद्र खोलने को तवज्जो दे रही है, लेकिन बसई गांव में स्वास्थ्य सुविधा देने के नाम पर सरकारी खजाने का दुरुपयोग किया गया. यहां प्राथमिक केंद्र भवन को बनाने के बाद कभी इस्तेमाल नहीं किया गया और अब बिल्डिंग खंडहर हो चुकी है. 

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नए आयुर्वेदिक भवन निर्माण में अनियमितता 
इससे पहले भी Zee Media ने सांसद द्वारा गोद लिए गांव की दुर्दशा दिखाई थी, उसके बाद यहां नए आयुर्वेदिक भवन को बनाने का काम शुरू किया गया था. लेकिन निर्माण में ठेकेदार ने भारी अनियमितताएं बरती. ठेकेदार ने उस डिस्पेंसरी के केवल बाहर की दीवारों की नींव की खुदाई की और अंदर बगैर नींव खुदाई के सीधे ईंटें लगा दीं. ग्रामीणों ने इसका विरोध किया और पिछले चार-पांच महीने से यह काम भी केवल नींव भरने तक सीमित है. अब गांव के अंदर बने पशु अस्पताल में ही गांव में बनाए उप स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी बैठकर अपना काम कर रहे हैं. 

जोहड़ का पानी भर जाता है घरों में 
गांव की सबसे प्रमुख समस्या जोहड़ की है. हरियाणा सरकार ने जोगड़ों के सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन यहां की तस्वीरें कुछ और ही बयां करती हैं. गांव के जोहड़ का पानी ओवरफ्लो होकर लोगों को घरों तक पहुंच गया है. सरकार द्वारा पीने का स्वच्छ जल पहुंचाने के लिए नंदी योजना लागू की गई है. यहां RO का एक प्लांट लगाया गया है, लेकिन जहां यह पानी मिलता है, उसके भी तीन तरफ गंदा पानी इकट्ठा है. ग्रामीणों का आरोप है कि पानी को फिल्टर करके दिया जाता है, लेकिन जमीन में जहां से पानी ट्यूबवेल से आ रहा है, वहां यह गंदा पानी ही नीचे पहुंच रहा है.

ग्रामीणों ने सांसद पर गांव की अनदेखी करने, समय-समय पर गांव जाकर हालात का जायजा नहीं लेने के आरोप लगाए. उनका कहना है कि गांव में मूलभूत सुविधाओं की कमी है. गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, साफ-सफाई सहित कई सुविधाओं पर काम करने की आवश्यकता है. बता दें अब एक बार फिर धर्मबीर चौधरी को इसी सीट से बीजेपी ने उतारा है. वे इस सीट से दो चुनाव (2014 और 2019) जीत चुके हैं. ऐसे में अब उम्मीद है कि अगर वो चुनाव जीत जाते है तो उन्हें जनशिकायतों को दूर करने का एक ओर मौका मिल जाएगा.

Input- Karamvir Singh

 

 

 

 

 

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