Air Quality Today 27 Mar 2025: दिल्ली में वायु प्रदूषण एक बार फिर गंभीर स्थिति में पहुंच गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार शहर का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 322 के पार दर्ज किया है जो खराब श्रेणी में आता है. बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
प्रदूषण के कारण
विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के पीछे कई कारण हैं. सड़कों पर बढ़ते वाहन, निर्माण कार्यों से उड़ती धूल, कचरा जलाने की घटनाएं और बदले हुए मौसम के कारण हवा में हानिकारक कणों की मात्रा बढ़ गई है. इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर में चलने वाली तेज़ हवाओं ने भी धूल और अन्य प्रदूषकों को हवा में फैला दिया है, जिससे AQI खराब स्थिति में पहुंच गया है.
AQI की मौजूदा स्थिति
गुरुवार सुबह दिल्ली के कई इलाकों में AQI 322 से 350 के बीच रिकॉर्ड किया गया, जो 'खराब' श्रेणी में आता है. वहीं, कुछ इलाकों में यह 370 के पार पहुंच गया, जिससे वहां की हवा 'बहुत खराब' स्थिति में मानी जा रही है. नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी वायु गुणवत्ता चिंताजनक स्तर पर बनी हुई है.
स्वास्थ्य पर प्रभाव
डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह की हवा में सांस लेना अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और एलर्जी जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है. खासतौर पर बुजुर्ग, बच्चे और पहले से सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए. इसके अलावा लंबे समय तक इस तरह की हवा में रहने से आंखों में जलन, सिरदर्द और गले में खराश जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं.
प्रदूषण से बचाव के उपाय
सरकार और प्रशासन की तैयारी
दिल्ली सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए कई कदम उठा रही है. निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है, जबकि कचरा जलाने पर सख्त पाबंदी लगाई गई है. इसके अलावा, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत जरूरत पड़ने पर गाड़ियों की संख्या सीमित करने जैसे कदम भी उठाए जा सकते हैं. फिलहाल, दिल्लीवासियों को चाहिए कि वे खुद भी सतर्क रहें और प्रदूषण को कम करने में अपना योगदान दें. अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं.
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