Delhi News: नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इतना खतरनाक है कि यदि कोई व्यक्ति यहां तीन दिन भी रुके, तो उसे किसी न किसी तरह का संक्रमण हो सकता है. चिकित्सा अनुसंधानों के अनुसार दिल्ली का प्रदूषण औसतन एक व्यक्ति की आयु को 10 साल तक कम कर रहा है. दिल्ली और मुंबई को प्रदूषण के मामले में रेड जोन में रखा गया है. इन शहरों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है. हर बार दिल्ली आने से पहले मैं सोचता हूं कि जाना चाहिए या नहीं, क्योंकि यहां का प्रदूषण भयंकर है.
गडकरी ने आगे कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के कारण मुझे यहां आकर प्राणायाम करना पड़ता है ताकि स्वास्थ्य ठीक रहे. यह एक साधारण उपाय है, लेकिन इसके माध्यम से हम अपने शरीर को प्रदूषण के प्रभाव से बचा सकते हैं. प्राणायाम से श्वसन तंत्र मजबूत होता है और यह मानसिक शांति भी प्रदान करता है. दिल्ली के प्रदूषण के लिए जीवाश्म ईंधन (फॉसिल फ्यूल) को एक बड़ा कारण माना जाता है. दिल्ली के 40% प्रदूषण का स्रोत वाहनों से निकलने वाला धुआं और गैस है. भारत हर साल 22 लाख करोड़ रुपये के जीवाश्म ईंधन का आयात करता है, जो न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी बोझ डालता है.
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गडकरी ने कहा कि पराली जलाना दिल्ली के प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है. पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र में 400 से अधिक बायो-सीएनजी प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जो पराली को जलाने की समस्या को कम करेंगे. इन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से प्रदूषण को कम करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं. दिल्ली में ट्रैफिक जाम और प्रदूषण को कम करने के लिए 12,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की घोषणा की गई है. इसमें नए सड़क नेटवर्क, जैसे द्वारका एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड, शामिल हैं, जो दिल्ली में वाहनों के दबाव को कम करेंगे. यह परियोजनाएं प्रदूषण को नियंत्रित करने में सहायक होंगी. हरियाणा के पानीपत में एक प्रोजेक्ट के तहत पराली से इथेनॉल, बायो-विटामिन और बायो-एविएशन फ्यूल बनाया जा रहा है. यह प्रोजेक्ट न केवल प्रदूषण कम करेगा, बल्कि किसानों को अतिरिक्त आय भी देगा. पराली को 2,500 रुपये प्रति टन की दर से खरीदा जा रहा है, जिससे किसानों को लाभ होगा.
अगले पांच साल में दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है. हमारी सरकार ने स्वच्छ ईंधन और बुनियादी ढांचे पर काम शुरू किया है. हम 2025 तक दिल्ली को प्रदूषण और ट्रैफिक जाम से मुक्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं. दिल्ली का प्रदूषण न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को भी बढ़ाता है. प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियां, जैसे श्वसन रोग और संक्रमण, लोगों के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं.