Greater Noida News: सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में श्रम एवं सेवायोजन विभाग कर्मचारी राज्य बीमा (ESI) योजना के तहत श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार कर रहा है. इसी कड़ी में योगी सरकार ने ग्रेटर नोएडा, मेरठ, शाहजहांपुर, बरेली और गोरखपुर में नए अस्पतालों के निर्माण के साथ-साथ ग्रेटर नोएडा और वाराणसी में ESI निगम मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है.
श्रमिकों के लिए की जा रही ये पहल
ESI योजना के तहत श्रमिकों को प्राथमिक और द्वितीयक चिकित्सा देखभाल, सुपर स्पेशियलिटी इलाज और आकस्मिक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. इसके तहत बीमांकित कर्मचारियों और उनके परिजनों को राजकीय मेडिकल कॉलेजों या जिला अस्पतालों में रेफर कर उपचार सुनिश्चित किया जाता है. साथ ही स्वयं के खर्च पर उपचार की प्रतिपूर्ति भी की जाती है. प्रदेश में ईएसआई निगम के 109 अनुबंधित निजी चिकित्सालयों में कैशलेस उपचार उपलब्ध हैं. वहीं रोग रोकथाम और स्वास्थ्य संवर्धन के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे. डाट्स सेंटर के माध्यम से टीबी की फ्री जांच और उपचार प्रदान किया जा रहा है. इस योजना का हिस्सा चिकित्सा अवकाश प्रमाणीकरण सुविधा भी है.
ग्रेटर नोएडा मे बन रहा मेडिकल कॉलेज
प्रदेश के श्रमिक वर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले सके इसलिए योगी सरकार की भावी योजनाओं में स्वास्थ्य ढांचे का विस्तार और आधुनिकीकरण प्राथमिकता पर है. मेरठ, शाहजहांपुर और बरेली में नए अस्पतालों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, जबकि गोरखपुर और ग्रेटर नोएडा में नए अस्पतालों के लिए गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण को भूमि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है. ग्रेटर नोएडा और वाराणसी में ईएसआई निगम मेडिकल कॉलेज की स्थापना भी करने का निर्णय लिया गया है. इससे न केवल चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि श्रमिकों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध होंगी. इसके अतिरिक्त, 12 नए औषधालयों की स्थापना की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
अस्पताल में होंगे आधुनिक उपकरण
वित्तीय वर्ष 2024-25 के पीआईपी प्लान के तहत 237.50 लाख रुपए और 2025-26 के लिए 80.90 लाख रुपए के उपकरणों की मंजूरी ESI निगम से मिल चुकी है, जिससे अस्पतालों में आधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध होंगे. निदेशालय में 1 अप्रैल से ई-ऑफिस गो-लाइव हो चुका है, जो प्रशासनिक प्रक्रियाओं को डिजिटल और पारदर्शी बनाएगा. चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए ईएसआई चिकित्साधिकारियों के कैडर रिव्यू की प्रक्रिया भी प्रान्तीय चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों की तरह ही शुरू कर दी गई है.
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नए अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और डिजिटल सुधारों के माध्यम से उत्तर प्रदेश श्रमिक कल्याण और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में अग्रणी बन रहा है. ये कोशिश न केवल श्रमिकों के सेहत और कल्याण को सुनिश्चित करेंगे, बल्कि राज्य को आत्मनिर्भर भारत की तरफ ले जाएंगे. इन सुधारों के साथ-साथ, योगी सरकार ने कारखाना अधिनियम के तहत भी उल्लेखनीय प्रगति की है. पंजीकृत कारखानों की संख्या 27,453 तक पहुंच गई है, जो पिछले 9 साल में लगभग शत-प्रतिशत की बढ़ोतरी दिखाता है. डिजिटल सुधारों, जैसे ऑनलाइन पंजीकरण, ऑटो-मोड नवीनीकरण और रीयल-टाइम निरीक्षण मॉनिटरिंग ने उद्यमियों के लिए अनुकूल वातावरण बनाया है. श्रम विभाग ने दर्पण डैशबोर्ड पर ए प्लस श्रेणी में चतुर्थ स्थान और ई-ऑफिस में दूसरा स्थान प्राप्त किया है, साथ ही बीआरएपी रैंकिंग में 'टॉप अचीवर्स' श्रेणी में जगह बनाई है.