Noida News: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए प्रशासन ने जिन किसानों से जमीन अधिग्रहीत की थी, अब उन्हीं जमीनों पर किसान फिर से फसल बोने की तैयारी में जुटे हैं. खेतों में हल चल रहा है, बैलों की जोड़ी और ट्रैक्टर एक बार फिर उसी जमीन को सींचने में लगे हैं, जिसे प्रशासन ने एमआरओ (मेंटेनेंस, रिपेयरिंग और ओवरहालिंग) फैसिलिटी के लिए अधिग्रहीत किया है.
दूसरे चरण में प्रशासन ने 1365 हेक्टेयर जमीन का अर्जन किया, जिसमें से 1181 हेक्टेयर जमीन किसानों से अधिग्रहित की जा चुकी है. 95 प्रतिशत किसानों को मुआवज़ा उनके खातों में भेजा जा चुका है, जबकि कुछ किसानों ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया. ऐसे किसानों की राशि ट्रेजरी में जमा करा दी गई है और प्रशासन का दावा है कि जमीन अब पूरी तरह से नागरिक उड्डयन विभाग के नाम हो चुकी है. अपर जिलाधिकारी भूमि अध्याप्ति बच्चू सिंह का कहना है कि ज्यादातर किसानों से जमीन का कब्जा लेकर यमुना प्राधिकरण को सौंप दी गई है. लेकिन हकीकत यह है कि ग्रामीण अभी भी उस जमीन को अपना मानकर उस पर खेती की तैयारी कर रहे हैं. गांव दयानतपुर, बीरमपुर, मुढरह, रन्हेरा, करौली बांगर और कुरैब के किसान दिन-रात खेतों में जुटे हैं, क्योंकि उनकी नजर में जब तक खेत खाली नहीं कराए जाते, वो उनके हैं.
किसानों का कहना है कि जब तक सरकार या एजेंसी उन्हें जबरन हटाएगी नहीं, वे फसल उगाते रहेंगे. खासकर इस समय धान की रोपाई का मौसम है और अगर किसान रोपाई कर लेते हैं, तो कम से कम 6 महीने तक जमीन का कब्जा मिलना मुश्किल हो जाएगा. इससे एयरपोर्ट के दूसरे चरण में भी पहले जैसे देरी के आसार हैं.
ये भी पढ़िए- अहमदाबाद प्लेन हादसे में हरियाणा की महिला की मौत,लंदन बेटी से जा रही थी मिलेन